अगर आपने अभी तक दूधसागर झरना नहीं देखा तो आप इस बार इस झरने को देखने का टूर बना सकते हैं. यह खूबसूरत झरना गोवा में है. इस झरने की सुंदरता आपको मंत्रमुग्ध कर देगी. झरना ऐसा लगता है जैसे आसमान से दूध गिर रहा हो.
320 मीटर की ऊंचाई से गिरता है पानी
इस खूबसूरत झरने में पानी 320 मीटर की ऊंचाई से गिरता है. यह भारत का पांचवां सबसे बड़ा झरना है. यह झरना मांडोवी नदी पर है. इस झरने का आकर्षण ऐसा है कि एक बार करीब से देखने पर इसे बार बार देखने का मन होता है. झरने के आसपास की वादियां, घने जंगल और नदी टूरिस्टों का दिल जीत लेती है. इस झरने के आसपास की प्रकृति आपको अपने मोह में बांध लेगी.
दो राज्यों की सीमा पर स्थित है झरना
यह एकमात्र ऐसा झरना है जो दो राज्यों गोवा और कर्नाटक की सीमा पर है. सैलानी सुबह 9 बजे से लेकर शाम 6 बजे तक इस झरने को देखने के लिए जा सकते हैं. झरने के आसपास का पूरा क्षेत्र संरक्षित है. यह एरिया बेहद सुंदर और प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर है. टूरिस्ट जीप सफारी के जरिए झरने तक पहुंच सकते हैं. इस झरने तक पहुंचने के लिए टूरिस्टों को लंबी ट्रैकिंग भी करनी पड़ती है. ट्रैकिंग का पहला रास्ता कुवेशी गांव से शुरू होता है. यह झरना पणजी से 60 किलोमीटर की दूरी पर है. मंडोवी नदी पश्चिमी घाट से पणजी की ओर बहती है और अरब सागर में मिलती है. इस झरने के नीचे एक झील भी है. इस झरने को लेकर एक दिलचस्प लोक कथा भी है. जिसके मुताबिक, यहां एक झील हुआ करती थी जिसमें एक राजकुमारी प्रतिदिन स्नान करती थी. जिसके बाद वो एक बर्तन में दूध पीती थी. एक दिन वो जब नहा रही थी तो एक युवक की दृष्टि उस पर पड़ी और वह युवक उसे देखने लगा. जिसके बाद राजकुमारी के दोस्तों ने झरने में दूध डाल दिया ताकि राजकुमारी दूध की परत के पीछे छिप सकें. कहा जाता है कि तभी इस झरने का नाम दूधसागर पड़ा.