Quote :

किसी भी व्यक्ति की वास्तविक स्थिति का ज्ञान उसके आचरण से होता हैं।

Travel & Culture

रोमांच और राजस्थानी संस्कृति का संगम: पुष्कर मेला

Date : 15-May-2023

पुष्करये नाम सुनते ही जेहन में बस दो तस्वीरें ही दिखाई पड़ती है, एक ब्रह्मा भगवान का मंदिर तो दूसरा यहाँ लगने वाला विश्व प्रसिद्ध मेला. पुष्कर मेले को राजस्थान का सबसे बड़ा और पवित्र मेला माना जाता है. अजमेर से 11 किलोमीटर दूर यह शहर राजस्थान का तीर्थराज भी कहते हैं, क्योंकि यहां रोजाना घूमने आने वाले पर्यटकों की भीड़ रहती है. हालाँकि सबसे ज्यादा भीड़ पुष्कर मेले में होती है, इस दौरान श्रद्धालु कार्तिक पूर्णिमा के दिन यहां के पुष्कर झील में स्नान करते हैं. मेले के दौरान आस्था, रोमांच और उल्लास के साथ साथ राजस्थानी संस्कृति के हर रंग खिल उठते हैं.

हर साल थार मरुस्थल के रेत पर कई किलोमीटर तक लगने वाले पुष्कर मेले की शुरुआत इस साल भी हो गयी है. इस वर्ष यह मेला 23 अक्टूबर से शुरू है जो 4 नवम्बर तक चलेगा.  मेले में खाने-पीने से लेकर नाच-गाना, पशुओं की बिक्री, एयर बलून फ्लाइट सहित कई तरह की प्रतियोगिताएं होती है, जिसे देखने देश-विदेश से लोग पहुँचते हैं. आकाश में उड़ते गर्म हवाओं के रंग बिरंगे गुब्बारे मेले की सुन्दरता में चार चाँद लगा देते हैं, वहीं उन गुब्बारों में बैठ कर ऊपर से मेला देखने का एक अलग ही मजा है. पुष्कर मेले की पूरी व्यवस्था स्थानीय प्रशासन करता है, वहीँ कला, संस्कृति एवं पर्यटन विभाग की ओर से कई तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है.

ऊंट महोत्सव मेले में सबसे खास

सौ सालों से भी ज्यादा पुराना इतिहास रखने वाला यह जानवरों का बड़ा मेला है. खास कर राजस्थान इस मेले में मरुस्थल का जहाज कहे जाने वाले ऊंटों की खरीद बिक्री ज्यादा होती है. चारों तरफ रेत और उसके बीच रंग बिरंगे परिधानों से सजे ऊंटों को देखना बड़ा मनोहारी लगता है. वहीँ ऊंटों की दौड़ भी यहाँ होती है और विजेता ऊंटों को पुरस्कृत किया जाता है.

इसके अलावे प्रसिद्ध मूंछ प्रतियोगिता, नाच प्रतियोगिता, पगड़ी बाँध प्रतियोगिता, पतंगबाजी सहित विभिन्न तरह के खेल भी होते हैं. जिनमें स्थानीय लोगों के अलावे देशी-विदेशी पर्यटक भी शामिल होकर मेले का पूरा आनंद उठाते हैं. हालांकि इस साल मेले में घोड़े पर प्रशासन ने रोक लगा दी है, जिसके कारण हॉर्स डांस कम्पीटीशन और घुड़ दौड़ सहित इनसे जुड़ा कोई भी प्रतियोगिता नहीं किया जायेगा.

 

पुष्कर में देखने लायक जगहें

 मंदिरों की नगरी पुष्कर में घुमने-देखने लायक कई जगहें हैं जो यहां छोटे बड़े कई मंदिर हैं पर उनमे से सबसे खास 14वीं सदी में बना भगवान ब्रह्मा का मंदिर है. ब्रह्मा जी हिन्दू धर्म के भगवान माने जाते है, लेकिन अन्य देवी देवताओं की तरह आपको उनका मंदिर नहीं मिलेगा क्योंकि उनकी पूजा नहीं की जाती. दुनिया में सिर्फ पुष्कर ही एक अकेला शहर है जहां भगवान ब्रह्मा जी का एक अकेला मंदिर है.  रंगजी मंदिर के भी दर्शन कर सकते हैं, यह मंदिर मुग़ल,राजपूत और दक्षिण भारतीय कला का उत्कृष्ट नमूना है. यहां विद्या की देवी मां सरस्वती का भी एक मंदिर है. इसके अलावा वराह मंदिर, मन मंदिर, आत्मेश्वर महादेव मंदिर, बाला जी मंदिर भी घुमे जा सकते हैं. पुष्कर झील के किनारे खड़ा होकर जल के प्रवाह को निरंतर निहारना भी मन को एक अलग सुकून देता है. इस झील के बारे में कहा जाता है कि एक बार ब्रह्मा जी के हाथ से छुट कर उनका पुष्प गिर गया, जो पृथ्वी पर तीन जगहों पर गिरा इसमें एक पुष्कर झील भी है. यहां नागा पहाड़ की ऊंचाई भी आपको अपनी ओर आकर्षित करेगी, जहां से आप पूरे पुष्कर को अपनी आंखों में भर सकते हैं. रंगबिरंगे राजस्थानी कपड़े और यहां के एंटिक डिज़ाइन वाले आभूषण खरीदना चाहते हैं तो चले आइये यहां के सराफा बाजार, जहां आपको राजस्थानी कपड़े और गहने वाजिब दामों में मिल जायेंगे.

 

 
RELATED POST

Leave a reply
Click to reload image
Click on the image to reload









Advertisement