बहुत समय पहले, एक गांव में एक गरीब लड़का रहता था जिसका नाम रमु था। वह बड़े ही ध्यानवान और भगवान भक्त था। रमु के पास कुछ भी नहीं था, लेकिन उसकी आत्मा में विश्वास और प्रेम भरा हुआ था।
एक दिन, रमु ने सपने में भगवान श्रीराम का दर्शन किया। भगवान ने उससे कहा, "रमु, तुम मेरे मंदिर जाकर एक मूर्ति स्थापित करो और उसकी पूजा करो। मैं तुम्हारी मनोकामनाएँ पूरी करूंगा।"
रमु जागरूकता और आत्मविश्वास से भरकर मंदिर बनाने का काम शुरू कर दिया। वह गरीब था, लेकिन उसने अपने सारे संबंधियों और गांव के लोगों से सहायता मांगी और उन्होंने मिलकर मंदिर को बनाया।
मंदिर का उद्घाटन हुआ और रमु ने भगवान श्रीराम की मूर्ति स्थापित की। उसने प्रतिदिन मंदिर में पूजा की और भगवान की भक्ति की। वह न केवल अपनी मनोकामनाओं को पूरा करने के लिए प्रार्थना करता था, बल्कि उसने गांव के लोगों की मदद भी की और उन्हें धार्मिक शिक्षा देने का प्रयास किया।
कुछ सालों बाद, गांव में एक बड़ी समस्या आई। सूखा आ गया और पानी की कमी हो गई। लोग परेशान हो रहे थे क्योंकि पानी की कमी के कारण उनके फसलें बर्बाद हो रही थीं।
रमु ने ध्यान में भगवान की आवश्यकता की और उन्होंने मंदिर में भगवान की मूर्ति के सामने प्रार्थना की। उनकी श्रद्धा और भक्ति से, आचानक एक झील से पानी की धारा बहने लगी और गांव में पानी की कमी दूर हो गई।
लोगों ने देखा कि यह सब रमु की प्रार्थना और भगवान की कृपा से हुआ है, और उन्होंने रमु के प्रति बड़ा सम्मान किया। रमु ने उन्हें बताया कि भगवान की भक्ति और सेवा से ही ऐसे अद्वितीय चमत्कार हो सकते हैं।
इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि आत्मा में विश्वास और ध्यान से ही हम अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकते हैं, और भगवान की भक्ति और सेवा से ही हम अपने जीवन को सफलता की दिशा में ले सकते हैं।