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बुंदेलखंड की अयोध्या "ओरछा" में बनेगा भव्य श्री रामराजा लोक

Date : 04-Sep-2023

बुंदेलखंड की अयोध्या और भगवान श्री राम राजा सरकार की नगरी ओरछा में सोमवार को भव्य रामराजा लोक का लोकार्पण उत्सव मनाया जा रहा है। भक्त और भगवान के बीच राजा और प्रजा के संबंधों वाली इस नगरी में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा भव्य एवं अद्भुत श्री रामराजा लोक का भूमिपूजन किया जाएगा।

जनसम्पर्क अधिकारी प्रलय श्रीवास्तव ने बताया कि ओरछा का केन्द्र बिन्दु श्रीराम राजा मंदिर है, जहां बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं तथा पर्यटकों का आगमन होता है। श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों की भावनाओं तथा सुविधाओं को देखते हुए ओरछा में राजाराम लोक का विकास प्रस्तावित है। इसमें प्रवेश द्वार के साथ प्लाजा का विकास, प्रसादालय, कतार परिसर, जानकी मंदिर परिसर का विकास, फूड प्लाजा, आसपास की दुकानों की पुनर्स्थापना एवं जनसमूह प्रबंधन, दुकानों का सौन्दर्यीकरण आदि श्रीराम के बाल स्वरूप एवं राम राजा के दरबार के वर्णन सहित गलियारे एवं प्रागंण का विकास होगा। साथ ही प्रांगण में रामायण से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण वस्तुओं का इस्तेमाल किया जाएगा। सुन्दर कमल नयन से प्रेरित कमल स्तम्भ और पुष्पक विमान देखने को मिलेंगे। इस मध्य लोक में ही स्थानीय वास्तुकला मंदिर प्रांगण और ऐतिहासिक इमारतों का अनूठा स्वरूप बखूबी देखने को मिलेगा। रामराजा लोक की वास्तुकला बुंदेलखंड की प्रमाणिकता और अखडण्ता का उदाहरण होगी।

उल्लेखनीय है कि तत्कालीन बुन्देला शासकों द्वारा निर्मित स्मारकों हेतु प्रसिद्ध ओरछा एक हिन्दू तीर्थ स्थल है, जहाँ बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं तथा पर्यटकों का आगमन होता है। इसलिए प्रदेश शासन द्वारा श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों की भावनाओं तथा सुविधाओं को दृष्टिगत रखते हुए ओरछा में श्री रामराजा मंदिर परिसर में श्री रामराजा लोक तथा अन्य स्मारकों के संरक्षण एवं विकास कार्यों हेतु विभिन्न प्रोजेक्ट बनाकर स्वीकृतियां प्रदान की गई है। ओरछा के केन्द्र बिन्दु श्री रामराजा मंदिर परिसर एवं आसपास के क्षेत्र को भव्य स्वरूप देते हुये श्री राजाराम लोक का विकास प्रस्तावित है। इस हेतु कुल 81.00 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रदान की गई है।

वर्तमान में श्रीरामराजा मंदिर परिसर लगभग 2.86 एकड़ में स्थित है। मंदिर के आसपास लगभग 12 एकड़ क्षेत्र में श्री रामराजा लोक विकसित किया जाएगा। श्रीरामराजा लोक का प्रारंभ प्रवेश द्वार पर भव्य दरबार गलियारे से होगा तथा लोक का विकास दो भागों में किया जाएगा। जिसमें बाल काण्ड प्रागंण श्री राम की बाल्य लीलाओं से प्रेरित होगा तथा उत्तर काण्ड को चित्र प्रस्तुतियों से प्रदर्शित किया जाएगा। श्री राम भगवान के राजा के रूप में कथाओं के माध्यम से प्रदर्शित किया जाएगा, साथ ही राजभोग पाकशाला का विकास तथा प्लाजा भी दर्शनार्थियों की सुविधा हेतु विकसित किया जाएगा।

राज्य पुरातत्व द्वारा स्मारकों के संरक्षण के कार्य भी होंगे। ओरछा में राज्य पुरातत्व विभाग द्वारा 48 स्मारकोँ को संरक्षित घोषित किया गया है। उक्त स्मारकों के संरक्षण, अनुरक्षण एवं रख रखाव की आवश्यकता को दृष्टिगत रखते हुये कुल 8.41 करोड़ के 19 कार्य स्वीकृत किये गये हैं, जिनमें से 10 कार्य पूर्ण किये जा चुके हैं तथा शेष 9 कार्य प्रगति पर हैं।


ओरछा को यूनेस्को विश्व धरोहरों में सम्मिलित करने हेतु भारत सरकार को डोजियर प्रेषित किया गया है। ओरछा के स्मारक विश्व प्रसिद्ध है। इसे विश्व पटल पर लाने हेतु वर्ष 2022 में एवं नामिनेशन डोजियर तैयार करवाकर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को प्रेषित किया जा चुका है। इसे यूनेस्को को प्रेषित कर ओरछा को यूनेस्को विश्व धरोहरों में सम्मिलित करने हेतु सरकार से अनुरोध किया जाएगा।

यूनेस्को द्वारा भारत में ओरछा एवं ग्वालियर का प्रथम बार चयन कर हिस्टोरिक अर्बन लैण्डस्केप के गाइडलाइन बनाये गये हैं, जिसे ओरछा के मास्टर प्लान में सम्मिलित किये जाने की योजना है, ताकि ओरछा का विकास इसकी ऐतिहासिक संस्कृति के अनुरूप हो सके।

 
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