विश्व एक कुटुंब की तरह है। किन्तु यह कुटुम्ब तभी स्वस्थ्य रहेगा जब इसमें संतुलन बना रहेगा। इस संतुलन को बनाए रखने के लिए भूमि, वायु, जल, और पर्यावरण को स्वस्थ्य रखने के लिए सम्मिलित रूप से प्रयास करने की आवश्यकता है। भारतीय संस्कृति और विचारधारा ने प्राचीनकाल से ही विश्व की सभी सभ्यताओं को प्रभावित किया है। यह प्रभाव ना सिर्फ आध्यात्मिक रहा है बल्कि भौतिक जगत में भी इसे महसूस किया जाता रहा है।
द वॉइस टीवी द्वारा होटल सुबा के वाईस प्रेसिडेंट होमेर मोहता के साथ साक्षात्कार में बताया कि कोरोना महामारी 2019 के दौरान विश्व स्तर पर करोड़ो लोगो की नौकरियां चली गयी। इस महामारी के कारण देश व्यापी लाॅकडाउन लगाया गया, जिसकी वजह से लोगो की आवाजाही और आर्थिक गतिविधियों पर कड़े प्रबंध लगाये गये थे। भारत में अनौपचारिक श्रमिको की स्थिती बद से बदतर हो गयी थी, साथ ही साथ बड़ी संख्या मे लोग बेरोजगार हो गये। मुंबई अंधेरी ईस्ट स्थित होटल सुबा गैलेक्सी, सूबा इंटरनेशनल के कर्मचारी एक परिवार की तरह एक साथ कार्यस्थल में मिलजुलकर काम करके सबने एक दूसरे का साथ दिया। कोविड अवधि के दौरान, हमारे टीम प्रबंधन मे एकता एवं दयालुता का प्रभाव था। होमेर मोहता जी ने बताया कि होटल के कर्मचारियों मे 15-15 दिन का एक समुह बना दिया गया और कर्मचारियों को उनके आवास स्थान से लेकर आना एवं होटल से उनके घर तक छोड़ना हमारी होटल द्वारा किया गया। सभी कर्मचारी कोविड काल मे भी सक्रिय थे हमारे प्रबंधन द्वारा कर्मचारियों को पूरे वेतन के साथ साथ और उनके सभी सुविधाओं का ध्यान रखा गया। होमेर मोहता जी ने ये भी बताया कि भारत में अलग अलग जगह होटल सुबा के और भी शाखायें है सभी शाखाओं में कर्मचारियों जो पहले से ही कार्यरत् थे उन्हे बर्खास्त नही किया बल्कि उनको कार्य के दौरान भोजन एवं आवागमन सब कुछ होटल प्रबंधन द्वारा उपलब्ध कराया गया। सभी प्रबंधक एवं कर्मचारी नियमित एवं सावधानी रखते हुये कार्यरत थे, यह बहुत ही सराहनीय है। होटल प्रबंधन के द्वारा किसी भी कर्मचारियों को कार्य के लिये मजबुर नही किया गया। इसी तरह हमारे होटल में आने वाले अतिथियों के लिये भी सभी प्रकार की सावधानियां रख कर कार्य किया जाता था। होटल के कमरो से लेकर रिसेप्शन तक सभी जगहो में स्वच्छता का पूर्णरूप से ध्यान रखा गया। जैसे कि होटल के कमरे के बाहर एक टेबल लगा दिया गया उसमे जो भी सामान अतिथियों के द्वारा आर्डर दिया जाता था वह सामान उस टेबल पर रख दिया जाता था। जिससे होटल के कर्मचारियों और अतिथियों को किसी भी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े। स्टाफ और अतिथियों को हल्दी वाला दूध भी दिया जाता था। होमेर मोहता जी ने बताया कि हमारा पैरेंट होटल सूबा पैलेस है जो कोलाबा मे है, उसके बाद सूबा गैलेक्सी और सूबा इंटरनेशनल होटल लेकर आये।