भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला के साथ एक्सिओम-4 मिशन का प्रक्षेपण 19 जून के लिए पुनर्निर्धारित
भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) ले जाने वाला बहुप्रतीक्षित एक्सिओम-4 मिशन अब 19 जून, 2025 को प्रक्षेपित किया जाएगा। यह निर्णय मिशन से जुड़ी तकनीकी समस्याओं के सफल समाधान के बाद लिया गया है, जिन्होंने पहले मिशन को तय 11 जून की तिथि से आगे बढ़ाने पर मजबूर कर दिया था।
मिशन को दो प्रमुख तकनीकी चुनौतियों का सामना करना पड़ा था, जिनमें से सबसे गंभीर फाल्कन 9 लॉन्च वाहन में तरल ऑक्सीजन का रिसाव था। यह समस्या नियमित प्री-लॉन्च निरीक्षण के दौरान उजागर हुई थी। इसरो, एक्सिओम स्पेस और स्पेसएक्स के तकनीकी विशेषज्ञों की समन्वय बैठक में यह पुष्टि की गई कि रिसाव को सफलतापूर्वक ठीक कर लिया गया है, जिससे मिशन को नई तिथि पर आगे बढ़ाने का रास्ता साफ हुआ।
यह मिशन भारत के लिए ऐतिहासिक महत्व रखता है। यदि मिशन सफल रहता है, तो शुभांशु शुक्ला आईएसएस का दौरा करने वाले पहले भारतीय और राकेश शर्मा (1984) के बाद कक्षा में जाने वाले दूसरे भारतीय अंतरिक्ष यात्री बन जाएंगे।
14 दिवसीय इस मिशन के दौरान शुक्ला अंतरिक्ष पोषण और खाद्य प्रणालियों से जुड़े वैज्ञानिक प्रयोग करेंगे, जिन्हें इसरो और नासा के वैज्ञानिकों द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया गया है। यह मिशन नासा, स्पेसएक्स और इसरो के बीच सहयोग का प्रतीक है और वैश्विक अंतरिक्ष विज्ञान में भारत की भूमिका को और मजबूत करेगा।
साथ ही, एक्सिओम-4 मिशन भारत के गगनयान कार्यक्रम के लिए भी एक अहम अभ्यास माना जा रहा है, जिससे भविष्य में स्वदेशी मानव अंतरिक्ष उड़ानों की तैयारी को मजबूती मिलेगी। यह मिशन भारत की वैश्विक अंतरिक्ष अन्वेषण क्षमताओं को एक नई ऊंचाई पर ले जाने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम है।