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जो व्यक्ति दूसरों के काम न आए वास्तव में वह मनुष्य नहीं है - ईश्वर चंद्र विद्यासागर

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प्रेरक प्रसंग:- सभ्यता और सज्जनता की कसौटी

Date : 20-Aug-2024

काषाय वस्त्रधारी स्वामी विवेकानंद अमेरिका के शिकागो नगर में सड़क से जा रहे थे| उनका यह वेश अमेरिका वासियों के लिए कौतूहल की वस्तु था | पीछे आ रही एक अमेरिका महिला ने अपने साथी पुरुष से कहा, “जरा इन महाशय की इस अजीब पोशाक को तो देखो |” 

स्वामीजी ने वह व्यंग्य सुना | वे जरा रुके और मुड़कर उस महिला से बोले, “देवी ! आपके देश में दर्जी सभ्यता के उत्पादक और कपड़े सज्जनता कि कसौटी माने जाते हैं| पर जिस देश में मैं आया हूँ, वहाँ कपड़ों से नहीं, मनुष्य के चरित्र से उसकी पहचान की जाती हैं |”

यह सुनकर वह महिला बड़ी ही लज्जित हुई|

 
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