वित्तीय वर्ष 2025-26 का अग्रणी, पथप्रदर्शक एवं अतुलनीय बजट
Date : 02-Feb-2025
दिनांक 1 फरवरी 2025 को केंद्र सरकार की वित्तमंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमन ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए लोकसभा में बजट पेश किया। श्रीमती सीतारमन ने एक महिला वित्तमंत्री के रूप में लगातार 8वां बजट लोकसभा में पेश कर एक रिकार्ड बनाया है। वित्तमंत्री द्वारा लोक सभा में पेश किया गया बजट अपने आप में पथप्रदर्शक, अग्रणी एवं अतुलनीय बजट कहा जा रहा है क्योंकि इस बजट के माध्यम से किसानों, युवाओं, महिलाओं, गरीब वर्ग एवं मध्यम वर्ग का विशेष ध्यान रखा गया है। पिछले कुछ समय से देश की अर्थव्यस्था में विकास की गति कुछ धीमी पड़ती हुई दिखाई दे रही थी अतः विशेष रूप से मध्यम वर्ग एवं गरीब वर्ग के हाथों में अधिक धनराशि शेष बच सके ताकि वे विभिन्न उत्पादों को खरीदकर अर्थव्यवस्था में इनकी मांग बढ़ा सकें, ऐसा प्रयास इस बजट के माध्यम से किया गया है। साथ ही, भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के उद्देश्य से रोजगार उन्मुख क्षेत्रों यथा कृषि क्षेत्र, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग, निवेश, निर्यात एवं समावेशी विकास जैसे क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है ताकि इन्हें विकास के इंजिन के रूप में विकसित किया जा सके।
भारत में मध्यमवर्गीय परिवार देश की अर्थव्यवस्था को गति प्रदान करने में अपना महत्वपूर्ण योगदान देता आया हैं। हाल ही के समय में प्रत्यक्ष कर संग्रहण में व्यक्तिगत आयकर की भागीदारी कारपोरेट क्षेत्र से आयकर की भागीदारी से भी अधिक हो गई है। अतः मोदी सरकार से अब यह अपेक्षा की जा रही थी कि मध्यमवर्गीय परिवारों को बजट के माध्यम से कुछ राहत दी जाय। और फिर, मुद्रा स्फीति की सबसे अधिक मार भी गरीब वर्ग के परिवारों एवं मध्यमवर्गीय परिवारों पर ही पड़ती दिखाई देती है। केंद्रीय वित्तमंत्री ने मध्यमवर्गीय परिवारों को राहत प्रदान करने के उद्देश्य से आयकर की वर्तमान सीमा को 7 लाख रुपए से बढ़ाकर 12 लाख रुपए कर दिया है। अर्थात अब 12 लाख रुपए तक की आय अर्जित करने वाले नागरिकों पर किसी भी प्रकार का आयकर नहीं लगेगा। वेतन एवं पेंशन पाने वाले नागरिकों को 75,000 रुपए की स्टैंडर्ड कटौती की राहत इसके अतिरिक्त प्राप्त होगी। इस वर्ग के करदाताओं को 12.75 लाख रुपए तक की वार्षिक आय पर कोई आयकर नहीं चुकाना होगा। इसके साथ ही, आय कर की दरों में भी परिवर्तन किया गया है। अब 4 लाख रुपए तक की करयोग्य आय पर आयकर की दर शून्य रहेगी। 4 लाख रुपए से 8 लाख रुपए तक की करयोग्य आय पर आयकर की दर 5 प्रतिशत, 8 लाख रुपए से 12 लाख रुपए तक की कर योग्य आय पर आयकर की दर 10 प्रतिशत, 12 लाख रुपए से 16 लाख रुपए तक की कर योग्य आय पर आयकर की दर 15 प्रतिशत, 16 लाख रुपए से 20 लाख रुपए तक की कर योग्य आय पर आयकर की दर 20 प्रतिशत, 20 लाख रुपए से 24 लाख रुपए तक की कर योग्य आय पर आयकर 25 प्रतिशत एवं 24 लाख रुपए से अधिक की कर योग्य आय पर 30 प्रतिशत की दर से आयकर लागू होगा। मध्यमवर्गीय करदाताओं को उक्त सुधारों से लगभग 80,000 रुपए से 1.10 लाख रुपए तक की राशि की बचत होने की सम्भावना व्यक्त की जा रही है। इस सुधार से कुल मिलाकर देश के बजट में एक लाख करोड़ रुपए की राशि कम प्राप्त होगी अर्थात मध्यमवर्गीय परिवारों को कुल एक लाख करोड़ रुपए की भारी भरकम राशि का लाभ होगा। और, यह लाभ लगभग 2 करोड़ करदाताओं को होने की सम्भावना है। इससे देश के मध्यमवर्गीय एवं गरीब परिवारों के हाथों अतिरिक्त राशि उपलब्ध होगी जिसे वे विभिन्न उत्पादों की खरीद पर खर्च करेंगे और देश की अर्थव्यवस्था को गति देने में सहायक होंगे। मध्यमवर्गीय एवं गरीब परिवारों ने जितना सोचा था शायद उससे भी कहीं अधिक राहत उन्हें इस बजट के मध्यम से दी गई है। इसीलिए ही, इस बजट को अग्रणी, पथप्रदर्शक एवं अतुलनीय बजट की संज्ञा दी जा रही है।