बजट 2025 : आत्मनिर्भर भारत का अभियान : मध्यम वर्ग को राहत : गरीब, किसान युवा और महिलाओ पर फोकस
Date : 02-Feb-2025
यह केन्द्रीय वित्तमंत्री सुश्री निर्मला सीतारमण ने अपने कार्यकाल का आठवाँ और प्रधानमंत्री श्रीनरेंद्र मोदी के नेतृत्व में काम कर रही सरकार के तीसरे कार्यकाल का दूसरा बजट है । इस बजट में भारत को विकसित और आत्मनिर्भर राष्ट्र बनाने की स्पष्ट झलक है। इसके लिये एक ओर आधारभूत ढाँचा मजबूत बनाने और दूसरी ओर वैश्विक स्पर्धा में भारत को अग्रणी बनाने को प्राथमिकता दी गई है । प्रधानमंत्री श्रीनरेंद्र मोदी ने भारत को विश्व की सर्वश्रेष्ठ राष्ट्र बनाने के लिये तीन मंत्रदिये हैं। इनमें एक "gyan का सम्मान", दूसरा "लोकल फाॅर वोकल" और तीसरा "विकास के साथ विरासत" है । इस बजट इन तीनों मंत्रों की झलक है । भारत के विकास का आधार गाँव, गरीब, किसान, युवा और महिलाएँ हैं। इन समूहों को सशक्त बनाने की योजनाएँ और प्राथमिकता दोनों हैं इस बजट में। बजट में एक लंबे विचार विमर्श की झलक भी है । विशेषकर बारह लाख रुपये तक की आय को आयकर से मुक्त करने और इसके अधिक आय के जो नये स्लैव बनाने की घोषणा हुई इससे भारत के मध्यम वर्ग को तो एक बड़ी राहत है ही, साथ ही प्रत्येक आयकर दाता को थोड़ी बहुत राहत अवश्य मिलेगी ।
भविष्य में भारत को विकसित राष्ट्र बनाने केलिये दो प्रकार की नीतियों की आवश्यकता है । एक अंतर्राष्ट्रीय स्पर्धा को ध्यान में रखकर योजनाएँ और दूसरी ओर स्वयं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में काम करना। इस बजट में इन दोनों बातों की स्पष्ट झलक है। यह बजट कहने केलिये भले एक वर्ष का कहा जाए लेकिन इसमें अधिकांश प्रावधान दूरगामी हैं। भारत को विश्व का सर्वश्रेष्ठ राष्ट्र बनाने की दिशा में मजबूत कदम है । इनमें भारत को दुनियाभर में खिलौनों का हब बनाना, फूड मैन्युफैक्चरिंग मिशन, क्लीन टेक्नॉलजी मैन्युफैक्चरिंग, बैट्री और सोलर पैनल्स पर जोर, आईआईटी के आधारभूत ढांचे का विस्तार, मेडिकल एजुकेशन के क्षेत्र में 10 हजार सीटें बढ़ाने और अगले पांच वर्षों में पचहत्तर हजार करने, हर जिला अस्पताल में कैंसर सेंटर स्थापित करने, फुटवियर और लेदर क्षेत्र के लिए सहायता, बिना लेदर वाले फुटवियर को प्रोत्साहन आदि प्रावधान शामिल हैं। सूक्ष्म उद्यमों के लिए 5 लाख की सीमा वाले विशेष अनुकूल क्रेडिट कार्ड शुरू करने, एमएसएमई केलिये 5 करोड़ से बढ़ाकर 10 करोड़ का प्रावधान, स्टार्ट अप के लिए 10 करोड़ से बढ़ाकर 20 करोड़ करना, विश्वकर्माओं, स्वसहायता समूह की आवश्यकताओं की पूर्ति, किसान क्रेडिट कार्ड की सीमा 3 लाख से बढ़ाकर 5 लाख करदी गई है । इससे लगभग सात से आठ करोड़ किसानों को लाभ मिलेगा । किसानों को सबसे बड़ी समस्या यूरिया की होती है । यूरिया आयात करना पड़ती है। अब असम में नया संयत्र स्थापित करने का प्रावधान किया गया है। 500 करोड़ के बजट में एआई के लिए एक संस्थान की स्थापना की जाएगी।'