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तुम खुद अपने भाग्य के निर्माता हो - स्वामी विवेकानंद

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प्रेरक प्रसंग : . सत्येन सत्यं ज्ञातव्यम्

Date : 04-Feb-2025

यूनानी संत आगस्टिनस एक सुबह सागर के तट पर अकेले ही घूम निकल पड़े | तब सूर्योदय हो रहा था | अनेक रातो के जागरण से उनकी आँखे थकी माँदी थी | सत्य की खोज में वे अपना सारा सुखचैन खो बैठे थे | परमात्मा को पाने के विचार में उन्हें पता ही नही चलता था कि दिन और रात कब बीत जाते थे | शास्त्र और शास्त्र , शब्द और शब्द , विचार और विचार, - इनके बोझ के नीचे ही वे दब गये थें |  


लेकिन उस सुबह सागर तट पर घूमने आना उनके लिए बड़ा सौभाग्यपूर्ण सिद्ध हुआ | वे जब निकले थें , तो विचारो के बोझ से दबे थें, लेकिन जब लौटे तो कोई बोझ न था | सागर के किनारे उन्होंने एक बालक को खड़ा देखा, जिसके हाथ में एक छोटी सी प्याली थी और वह किसी चिंता में डूबा हुआ था | आगस्टिनस ने बच्चे से पूछा, “बेटे ! तुम यहाँ क्या कर रहे हो और किस चिंता में डूबे हो ?


बच्चे ने आगस्टिनस की ओर देखा और कहा, “चिंतित तो आप भी दिखाई दे रहे है, इसलिए पहले आप ही अपनी चिंता का कारण बताएँ | हो सकता है, जो मेरी चिंता है, वही आपकी भी हो | लेकिन आपकी प्याली कहाँ हैं ?” आगस्टिनस के कुछ समझ में नहीं आया | प्याली की बात सुनकर उन्हें हँसी भी आयी | प्रकटतः उन्होंने कहा, “मैं सत्य की खोज में हूँ और उसी के कारण चिंतित हूँ |” बच्चा बोला, “मेरी चिंता का कारण यह हैं कि मैं इस प्याली में सागर को भरकर घर ले जाना चाहता हूँ, लेकिन सागर है कि प्याली में आ ही नही रहा हैं |”

 

आगस्टिनस ने सुना, तो उन्हें अपनी बुद्धि की प्याली भी दिखाई दी और सत्य का सागर भी | वे हँसने लगे और बच्चे से बोले, “मित्र ,सचमुच हम दोनों बालक ही हैं, क्योंकि बालक ही सागर को प्याली में भरना चाहते हैं |”

 

आगस्टिनस आगे बढ़ गये और सोचने लगे कि वस्तुतः संसार के सभी लोग बालक हैं और किसी-न-किसी सागर तट पर अपनी - अपनी प्यालियाँ लिये खड़े हैं | उन सबको इस बात का रंज है कि सागर उनकी प्यालियों में समा क्यों नही रहा है | कोई – कोई तो यह भी सोचने लगते हैं कि किसकी प्याली बड़ी है और किसकी प्याली में सागर के समा जाने की सर्वाधिक संभावना हैं | अब कौन उन्हें समझाए कि प्याली जितनी बड़ी होगी, सागर के उसमे समाने की संभावना भी उतनी ही कम होगी | क्योंकि बड़ी प्याली का अहंकार उसे छुटने नही देता है और सागर तो उसे मिलता है, जो प्याली छोड़ने का साहस दिखा पता हैं |

 
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