विश्व पर्यटन दिवस हर साल 27 सितंबर को मनाया जाता है। यह आयोजन 1980 में संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन (UNWTO) द्वारा शुरू किया गया था। इस तारीख को इसलिए चुना गया क्योंकि 1970 में UNWTO का गठन और उसका संविधान स्वीकार किया गया था। यह दिन वैश्विक पर्यटन को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण अवसर माना जाता है।
इस दिवस का मुख्य उद्देश्य यह जागरूकता फैलाना है कि पर्यटन किस तरह सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक और आर्थिक मूल्यों को मजबूत करके विभिन्न देशों के बीच सहयोग और समझ को बढ़ावा देता है।
राजस्थान का नाम सुनते ही अधिकांश लोगों के मन में रेगिस्तान की छवि आती है। विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर राजस्थान के जयपुर, शेखावाटी, सरिस्का बाघ अभयारण्य, माउंट आबू, चित्तौड़गढ़, कुंभलगढ़, रणथंभौर, गागरोन और जैसलमेर के किले जैसे कई दर्शनीय स्थल घूमे जा सकते हैं। अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और ऐतिहासिक किलों की वजह से राजस्थान भारत की एक प्रमुख पहचान बन चुका है और यहाँ हर वर्ष हजारों विदेशी पर्यटक आते हैं।
वाराणसी, जो गंगा नदी के किनारे बसा है, भारत का एक महत्वपूर्ण धार्मिक और पर्यटन स्थल है। इसे ‘मंदिरों का शहर’, ‘भारत की धार्मिक राजधानी’, ‘भगवान शिव की नगरी’, ‘दीपों का शहर’ और ‘ज्ञान नगरी’ के नामों से जाना जाता है।
तीर्थन घाटी हिमालय की एक प्रसिद्ध ट्रैकिंग स्थल है। राष्ट्रीय उद्यान अधिकारियों द्वारा लगाए गए संरक्षण नियमों की वजह से यह घाटी स्वच्छ और प्राकृतिक रूप से संरक्षित बनी हुई है। जो लोग प्रकृति प्रेमी हैं और ट्रेकिंग का आनंद लेना चाहते हैं, उनके लिए यह जगह अत्यंत उपयुक्त है।
आज के व्यस्त जीवन में लोग अपनी सेहत और परिवार के लिए समय निकालना मुश्किल समझते हैं। ऐसे में परिवार के साथ पर्यटन स्थलों की यात्रा करना आवश्यक हो जाता है। इससे शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है और मानसिक तनाव कम होता है। ये स्थल परिवार के लिए आनंद और शांति प्राप्त करने का उत्तम माध्यम बन जाते हैं।
विश्व पर्यटन दिवस वैश्विक सांस्कृतिक और प्राकृतिक विरासत के संरक्षण में पर्यटन के योगदान को उजागर करता है। यह क्षेत्र आवासीय पर्यावरण और लुप्तप्राय प्रजातियों के संरक्षण में भी मददगार होता है। साथ ही, यह ग्रामीण और शहरी इलाकों में, खासकर महिलाओं और युवाओं के लिए रोजगार के अवसर प्रदान करने के महत्व को भी रेखांकित करता है।
हर साल विश्व पर्यटन दिवस की एक खास थीम होती है, जो उस वर्ष की आवश्यकताओं और चुनौतियों को दर्शाती है। 2025 की थीम है – “पर्यटन और सतत परिवर्तन”। इसका उद्देश्य पर्यटन क्षेत्र में स्थायी और सकारात्मक बदलाव को प्रोत्साहित करना है, ताकि पर्यावरण, समाज और अर्थव्यवस्था के बीच सामंजस्य बना रहे। यह विचार पर्यावरण की रक्षा करते हुए पर्यटन को दीर्घकालीन विकास की ओर ले जाने के लिए प्रेरित करता है।
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