हर साल 29 सितंबर को विश्व हृदय दिवस मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य लोगों को दिल से जुड़ी समस्याओं के प्रति जागरूक करना है। हृदय हमारे शरीर का वह अवयव है, जो पूरे जीवन निरंतर कार्य करता है। ऐसे में इसकी देखभाल अनिवार्य हो जाती है। आज की भागदौड़ भरी दिनचर्या, अनुचित खानपान और व्यायाम की कमी के कारण कार्डियक रोगों का खतरा बढ़ता जा रहा है। यह समस्या अब केवल वृद्धावस्था तक सीमित नहीं है, बल्कि युवा वर्ग भी तेजी से इसकी चपेट में आ रहा है।
इस वर्ष की थीम क्या है?
2025 के लिए रखी गई थीम है: "Don't Miss a Beat", हिंदी में मतलब — "कोई भी धड़कन न छूटे"।
इस संदेश के जरिए लोगों को सचेत किया जा रहा है कि हृदय से जुड़े हर संकेत को गंभीरता से लें। चाहे वह हल्का दर्द हो, तेज थकावट, या सांस लेने में परेशानी — यह सभी संकेत शुरुआती लक्षण हो सकते हैं, जिन्हें अनदेखा करना भारी पड़ सकता है।
साथ ही यह थीम अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए संतुलित जीवनशैली, पोषक भोजन, शारीरिक सक्रियता और मानसिक शांति को अपनाने का आग्रह भी करती है।
कब और कैसे हुई शुरुआत?
इस खास दिवस की नींव 2000 में वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन द्वारा रखी गई थी। इस पहल में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और UNESCO जैसे वैश्विक संगठनों ने भी योगदान दिया।
इस विचार को सबसे पहले प्रसिद्ध हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. अंतोनी बेयस डी लुना ने सामने रखा। पहले यह दिन हर साल सितंबर के आखिरी रविवार को मनाया जाता था, लेकिन 2011 से इसे निश्चित रूप से 29 सितंबर को ही मनाया जाने लगा।
इसका महत्व क्यों है?
हृदय रोग आज के समय में मृत्यु का प्रमुख कारण बन चुका है। यह सिर्फ किसी की उम्र या वंशानुगत कारणों से नहीं होता, बल्कि खराब जीवनशैली, धूम्रपान, अत्यधिक शराब सेवन, तनाव और नींद की कमी भी इसके लिए जिम्मेदार हैं।
इस दिन विभिन्न देश, संस्थाएं और स्वास्थ्य संगठन मिलकर जागरूकता अभियान चलाते हैं — जैसे फ्री हेल्थ चेकअप, वर्कशॉप, सेमिनार और फिटनेस एक्टिविटीज, ताकि अधिक से अधिक लोग अपने हृदय स्वास्थ्य के प्रति सजग बनें।
क्या है इस दिन का असली संदेश?
विश्व हृदय दिवस हमें यह याद दिलाता है कि स्वस्थ जीवन की कुंजी एक मजबूत और सशक्त दिल है। यह कोई एक दिन मनाने का विषय नहीं, बल्कि रोजमर्रा की आदतों में सुधार लाने की प्रेरणा है।
मुख्य बातें:
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दिल की हल्की सी भी परेशानी को हल्के में न लें
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समय-समय पर चिकित्सीय जांच कराएं
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संतुलित भोजन लें और नशे से दूरी बनाएं
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मानसिक तनाव को नियंत्रित रखें
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नियमित रूप से व्यायाम करें
अंत में यही कह सकते हैं — हर धड़कन की अहमियत है, इसे नजरअंदाज न करें।
तंदुरुस्त हृदय, निरोग जीवन!
