2 अक्टूबर, 2014 को महात्मा गांधी की जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वच्छता को समर्पित एक ऐतिहासिक अभियान की शुरुआत की थी, जिसे आज हम "स्वच्छ भारत अभियान" के नाम से जानते हैं। तभी से हर वर्ष 2 अक्टूबर को "स्वच्छता दिवस" के रूप में मनाया जाता है, ताकि देश भर में स्वच्छता के प्रति जागरूकता फैलाई जा सके।
स्वच्छ भारत अभियान, भारत की अब तक की सबसे व्यापक और महत्वाकांक्षी सार्वजनिक पहलों में से एक है। इस अभियान में देश के सभी राज्यों, 4,041 वैधानिक शहरों, कस्बों और ग्रामीण क्षेत्रों से जुड़े करीब 30 लाख सरकारी कर्मचारी, स्कूल और कॉलेजों के छात्र सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं।
यह अभियान अब एक राष्ट्रीय जन आंदोलन का रूप ले चुका है, जिसका उद्देश्य देश के हर घर तक स्वच्छता सुविधाएं पहुँचाना है। इसमें शौचालय निर्माण, ठोस और तरल कचरा प्रबंधन, गांवों की सफाई व्यवस्था और स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं को शामिल किया गया है। इस प्रयास का उद्देश्य केवल स्वच्छता बढ़ाना नहीं है, बल्कि इससे जुड़ी बीमारियों जैसे कि पीलिया, हैजा, दस्त, दाद, खुजली, आंतों के कीड़े और अन्य संक्रमणों को भी रोकना है।
वर्तमान समय में यह अभियान विभिन्न अन्य राष्ट्रीय पहलों के साथ भी जुड़ चुका है, जैसे:
स्मार्ट सिटी मिशन
राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम
जल शक्ति अभियान
एफएसएसएआई द्वारा सुरक्षित भोजन को बढ़ावा देना
राष्ट्रीय आजीविका मिशन
स्थानीय स्वशासन निकायों (Panchayati Raj और Urban Local Bodies) के साथ मिलकर काम करना
इन पहलों के आपसी सहयोग से स्वच्छता को देश की स्थायी सामाजिक प्राथमिकता के रूप में स्थापित किया जा रहा है।
स्कूलों और कॉलेजों में भी "स्वच्छता पखवाड़ा" मनाया जा रहा है, जो केवल दो सप्ताह का अभियान न होकर, स्वस्थ और जिम्मेदार समाज की दिशा में एक निरंतर प्रयास है। यह छात्रों को स्वच्छता की आदतें अपनाने और दूसरों को प्रेरित करने का अवसर भी प्रदान करता है।
"स्वच्छता ही सेवा 2024" एक राष्ट्रव्यापी पहल है, जो 17 सितंबर से 2 अक्टूबर 2024 तक मनाई जा रही है। इस वर्ष का विषय है "स्वभाव स्वच्छता, संस्कार स्वच्छता", जिसका उद्देश्य स्वच्छता को केवल बाहरी सफाई तक सीमित न रखकर, उसे व्यक्तिगत आदत और सामाजिक मूल्य के रूप में स्थापित करना है।
अभियान के तहत अनेक गतिविधियाँ आयोजित की जा रही हैं:
विशेष स्वच्छता अभियान: कार्यालय परिसरों और लक्षित स्थानों पर सफाई अभियान
वृक्षारोपण: “एक पेड़ माँ के नाम” के तहत पौधारोपण कार्यक्रम
जागरूकता कार्यक्रम: वॉकथॉन, साइक्लोथॉन, प्रभात फेरी और मानव श्रृंखला जैसे आयोजन
सफाई मित्र स्वास्थ्य शिविर: सफाई कर्मचारियों के सम्मान और स्वास्थ्य जांच हेतु विशेष शिविर
प्रतियोगिताएं: चित्रकला, नारा लेखन और निबंध प्रतियोगिताओं के ज़रिए जन सहभागिता को बढ़ावा देना
स्वच्छ भारत अभियान ने देश में सफाई को एक सरकारी कार्यक्रम से उठाकर हर नागरिक की जिम्मेदारी बना दिया है। यह अभियान महज सफाई की पहल नहीं, बल्कि एक संस्कार, एक आंदोलन, और एक बदलाव है — जो देश को स्वच्छ, स्वस्थ और जागरूक बनाने की दिशा में निरंतर आगे बढ़ रहा है।
