करवा चौथ हिंदू पंचांग का एक प्रमुख पर्व है, जिसे विवाहित महिलाएं अपने पति की दीर्घायु, अच्छे स्वास्थ्य और अखंड सौभाग्य की कामना के लिए मनाती हैं। इस बार करवा चौथ 10 अक्टूबर को मनाया जाएगा। कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 09 अक्टूबर की देर रात 10 बजकर 54 मिनट पर शुरू होकर 10 अक्टूबर की शाम 7 बजकर 38 मिनट तक रहेगी।
करवा चौथ का व्रत कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चंद्रोदया व्यापिनी चतुर्थी को रखा जाता है। इस दिन महिलाएं दिनभर निर्जला व्रत रखती हैं और रात में चंद्रमा के दर्शन के बाद उसे अर्घ्य देकर ही व्रत खोलती हैं।
इस व्रत से जुड़ी कई पौराणिक कथाएँ प्रचलित हैं। सबसे प्रसिद्ध कथा करवा नाम की एक पतिव्रता स्त्री की है, जिसने अपने पति को मगरमच्छ से बचाने के लिए यमराज से प्रार्थना की और अपने तप व सच्ची निष्ठा से पति को जीवनदान दिलाया। एक अन्य कथा के अनुसार, जब देवताओं और असुरों के बीच युद्ध हुआ, तब देवपत्नियों ने अपने पतियों की रक्षा और विजय के लिए व्रत रखा, जिससे देवताओं को जीत मिली। इसके अलावा, यह भी माना जाता है कि द्रौपदी ने भी अपने पति अर्जुन की रक्षा और संकट से मुक्ति के लिए भगवान श्रीकृष्ण के निर्देश पर करवा चौथ का व्रत रखा था।
इस प्रकार करवा चौथ न केवल एक व्रत है, बल्कि पति-प्रेम और समर्पण का प्रतीक भी है।
