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आम के फलों की उचित परिपक्वता पर ही करें तुड़ाई : डॉ वी.के. त्रिपाठी

Date : 05-Jun-2023

आम के गुणवक्ता युक्त उत्पादन के साथ अधिक लाभ कमाने के लिए उचित परिपक्वता निर्धारण कर फलों की तुड़ाई की जाय। वैज्ञानिक विधि द्वारा बताए गए तरीके से तुड़वाई करने से फलों को सड़ने वाली बीमारी से भी बचाया जा सकता है।

यह जानकारी सोमवार को सीएसए के उद्यान विज्ञान एवं फल विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ.वी.के. त्रिपाठी ने दी। उन्होंने बताया कि आम के फल अपनी वृद्धि एवं विकास की हर अवस्था में उपयोगी होते हैं। आम स्वादिष्ट होने के साथ-साथ पौष्टिकता से भरपूर होता है।

आम से मिलती है कई विटामिन

उद्यान विज्ञान एवं फल विज्ञान विभाग के प्रोफेसर वी.के. त्रिपाठी ने बताया कि कच्चे आम में प्रचुर मात्रा में विटामिन सी होती है। वहीं दूसरी तरफ पके आम में कैरोटीनॉयड का बहुत अच्छा स्रोत है। इसके अतिरिक्त आम के फल में कैल्शियम, फास्फोरस, लोहा आदि खनिज लवणों के भी अच्छा स्रोत है।

मानव स्वास्थ्य एवं आमदनी के लिए लाभकारी है आम

प्रो. वी.के. त्रिपाठी ने बताया कि वर्तमान समय में आम का उत्पादन मानव स्वास्थ्य के साथ आमदनी का अच्छा खासा जरिया साबित होता जा रहा है।

वैज्ञानिक विधि से आम के तुड़ाई से कई फायदे


प्रो.त्रिपाठी ने बताया कि तैयार हो रहे आम के फलों को उपयोग के अनुसार 2 से 3 इंच डंठल के साथ तुड़वाई करना चाहिए। यदि फलों का प्रयोग अचार बनाने में करना है तो इस समय जब फलों की गुठली कठोर हो चुकी है, उनकी डंठल सहित तुड़वाई करके फलों को प्रयोग में लाना चाहिए।

कच्चे आम की उपयोगिता

प्रो.त्रिपाठी ने बताया कि कच्चे आम को चटनी, अमचूर, पना, खटाई आदि उत्पाद बनाकर भी उपयोग कर सकते हैं। पके फलों के प्रयोग के लिए जब फलों का रंग कंधे के पास हल्का पीला हो जाए या बगीचे में कुछ फल अपने आप गिरने लगे अथवा फलों को पानी में डालने पर उनका कुछ भाग डूबा हुआ हो, साथ ही साथ उनमें खटास की मात्रा कम हो जाए और मिठास बढ़ जाए, तब तोड़ना चाहिए।

तुड़ाई यंत्र का आम तोड़ने में करें प्रयोग

प्रो. त्रिपाठी ने बताया कि आम के फलों को सी.आई.एस.एच., लखनऊ द्वारा विकसित फल तुड़ाई यंत्र की सहायता से सावधानी पूर्वक दो से तीन इंच डंठल सहित तुड़वाई करना चाहिए। दो-तीन घंटे बाद जब फलों से चेप का निकलना कम हो जाए, तब डंठल को हटा देते हैं, बिना डंठल के फलों को तोड़ने पर, फलों पर चेंप के बहाव के कारण फलों की सुंदरता में कमी आ जाती है क्योंकि चेंप के बहाव वाले स्थान पर काला धब्बा बन जाता है और कभी-कभी जोड़ों वाले स्थान पर कवक का आक्रमण होने से भंडारण के समय स्टेम एंड सड़ाव नामक बीमारी का भी आक्रमण हो जाता है इससे भंडारण क्षमता कम हो जाती है।

पके आम की उपयोगिता

डॉ. त्रिपाठी ने बताया कि पूर्ण रूप से पके फलों से विभिन्न मूल्य संवर्धित उत्पाद जैसे जूस, मैंगो पूरी, टॉफी, मैंगो लेदर और स्केवैश आदि बनाकर रख लेने से अधिक लाभ के साथ-साथ दूसरे समय भी आम का स्वाद ले सकते हैं। इस प्रकार से तुड़ाई की सही ढंग का प्रयोग करते हुए, सही परिपक्वता और फलों की तुड़ाई करने के बाद अधिक समय तक भंडारण करके ज्यादा लाभ कमा सकते हैं।

 
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