सोयाबीन ऑयल स्वास्थ्य पर क्या असर डालता है और सोयाबीन तेल के फायदे क्या हैं, ये सब हम आगे रिसर्च के आधार पर बता रहे हैं। इन फायदों को जानकर यह न समझ लें कि सोयाबीन तेल का उपयोग करने के बाद बीमारी में डॉक्टर से परामर्श लेने की जरूरत नहीं है। यह तेल बीमारियों से बचाव कर सकता है, लेकिन किसी भी बीमारी का इलाज नहीं है।
1. हड्डी स्वास्थ्य
हड्डी स्वास्थ्य को बनाए रखने में भी सोयाबीन ऑयल मदद कर सकता है। इसमें आइसोफ्लेफॉन केमिकल कंपाउंड होता है, जो एस्ट्रोजेनिक गतिविधि और एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव दिखाता है। यह ऑक्सीडेटिव संतुलन को बनाए रखते हुए ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से संबंधित बीमारियों जैसे कि ऑस्टियोपोरोसिस (हड्डी रोग) से बचाव कर सकता है। साथ ही यह एस्ट्रोजन लेवल को बढ़ाकर हड्डी को स्वस्थ रखने में भी सहायक हो सकता है |
2. अल्जाइमर रोग के लिए
अल्जाइमर रोग यानी भूलने की बीमारी को कुछ कम करने में भी सोयाबीन तेल मदद कर सकता है। चूहों पर हुए एक रिसर्च के मुताबिक, सोयाबीन ऑयल का सेवन करने वालों की याददाश्त और याद करने की क्षमता बढ़ सकती है | हम ऊपर बता ही चुके हैं कि सोयाबीन तेल में आइसोफ्लेफॉन्स होते हैं। यह ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करके एजिंग के कारण होने वाले अल्जाइमर रोग से भी राहत दिला सकता है |
3. बुरे कोलेस्ट्रॉल को कम करने और हृदय को बचाने के लिए
कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने के लिए भी सोयाबीन तेल का इस्तेमाल किया जा सकता है। एक रिसर्च पेपर में बताया गया है कि सोयाबीन तेल अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने और बुरे कोलेस्ट्रॉल को घटाने में मदद कर सकता है।
रिसर्च में बताया गया है कि सोयाबीन का तेल आंतों में कोलेस्ट्रॉल के अवशोषण को कम करके इसके स्तर को नियंत्रित करने में सहायक हो सकता है। हानिकारक कोलेस्ट्रॉल यानी एलडीएल के कम होने से हृदय संबंधी परेशानियों से भी बचा जा सकता है
4. त्वचा के लिए
त्वचा को जवां बनाए रखने और उसे पोषण देने में भी सोयाबीन तेल मदद कर सकता है। एक रिसर्च में बताया गया है कि सोयाबीन के अर्क में एंटी एजिंग प्रभाव होता है। इसे चेहरे पर लगाने से यह एजिंग की प्रक्रिया को धीमा कर सकता है ।
इसके अलावा, सोयाबीन के तेल में मौजूद एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव की वजह से यह स्किन को रिपेयर करने और त्वचा संबंधी सूजन को कम करने में मदद कर सकता है। साथ ही यह यूवी रेज से होने वाले नुकसान से भी बचा सकता है |