नई दिल्ली, 23 नवंबर (हि.स.)। किसी व्यक्ति की पहचान स्थापित करने के लिए आधार को भौतिक या इलेक्ट्रॉनिक रूप में स्वीकार करने से पहले संस्थाओं को आधार को सत्यापित करना चाहिए।
भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) का कहना है कि आधार धारक की सहमति के बाद आधार संख्या का सत्यापन एक सही कदम है। इससे बेईमान और असामाजिक तत्व आधार व्यवस्था का दुरुपयोग नहीं कर पायेंगे। आधार में की गई छेड़छाड़ का ऑफ़लाइन सत्यापन से पता लगाया जा सकता है। आधार से छेड़छाड़ एक दंडनीय अपराध है।
यूआईडीएआई ने उपयोग से पहले सत्यापन की आवश्यकता पर जोर देकर राज्य सरकारों से भी अनुरोध किया है। राज्यों से आगे आवश्यक निर्देश देने का आग्रह किया है। यूआईडीएआई ने अनुरोध करने वाली संस्थाओं को संबोधित करने वाले परिपत्र भी जारी किए हैं।
किसी भी आधार को एमआधार ऐप, या आधार क्यूआर कोड स्कैनर का उपयोग करके सत्यापित किया जा सकता है। क्यूआर कोड स्कैनर एंड्रॉइड और आईओएस दोनों पर मुफ्त में उपलब्ध है। यूआईडीएआई पहले ही क्या करें और क्या न करें जारी कर चुका है।
हिन्दुस्थान समाचार/अनूप