विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा है कि पूर्वोत्तर क्षेत्र पड़ोसी पहले, एक्ट ईस्ट या बिम्सटेक जैसी कई प्रमुख भारतीय नीतियों के केंद्र में है और उन्होंने जोर देकर कहा कि समय के साथ इस क्षेत्र की प्रासंगिकता बढ़ेगी। वे कल पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय (डीओएनईआर) द्वारा आयोजित आगामी पूर्वोत्तर निवेशक शिखर सम्मेलन 2025 के लिए राजदूतों की एक बैठक को संबोधित कर रहे थे। डॉ. जयशंकर ने विदेशी दूतों से इस क्षेत्र का पता लगाने और अपनी सरकारों और उद्योगों में इसकी विशेषताओं को बढ़ावा देने का आग्रह किया।
डॉ. जयशंकर ने कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र पांच पड़ोसी देशों के साथ सीमा साझा करता है, जो भारतीय उपमहाद्वीप और आसियान के बीच सेतु का काम करता है। उन्होंने कहा कि भारत के निकटतम पड़ोसियों से जुड़ी कई हालिया पहल इसी क्षेत्र से निकली हैं और उन्होंने त्रिपक्षीय राजमार्ग और कलादान परियोजना जैसी परियोजनाओं के महत्व पर प्रकाश डाला।