केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) पहल ने लीकेज को कम करके तीन लाख 48 हजार करोड़ रुपये की बचत की है। भारत की डीबीटी प्रणाली का मात्रात्मक आकलन शीर्षक से एक नीति पत्र का हवाला देते हुए, श्री वैष्णव ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि इस कल्याण वितरण मॉडल के तहत, लाभार्थियों की कवरेज में 16 गुना वृद्धि हुई है। नीति पत्र के अनुसार, 2013 में लागू की गई देश की डीबीटी प्रणाली ने पारदर्शिता बढ़ाकर, लीकेज पर अंकुश लगाकर और सटीक धन वितरण सुनिश्चित करके कल्याण वितरण को फिर से परिभाषित किया है। यह नीति दस्तावेज बजटीय दक्षता, सब्सिडी युक्तिकरण और सामाजिक परिणामों पर डीबीटी के प्रभाव का आकलन करने के लिए 2009 से 2024 तक के एक दशक के आंकड़ों का मूल्यांकन करता है। अकुशल सब्सिडी को लक्षित स्थानान्तरण से प्रतिस्थापित करके, भारत ने कल्याण दक्षता में मापनीय लाभ हासिल किया है।