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प्रधानमंत्री मोदी ने त्रिनिदाद और टोबैगो की संसद को संबोधित किया, वैश्विक दक्षिण के उत्थान और साझा लोकतांत्रिक मूल्यों पर जोर

Date : 05-Jul-2025

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने त्रिनिदाद और टोबैगो की संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए विकासशील दुनिया की आवाज़ को हाशिये से केंद्र में लाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि भारत अपने साझेदारों के साथ मिलकर वैश्विक दक्षिण को वैश्विक मंच पर उसका उचित स्थान दिलाने के लिए निरंतर काम करेगा। मोदी ने भारत की जी-20 अध्यक्षता के दौरान वैश्विक दक्षिण की चिंताओं को वैश्विक निर्णय लेने के केंद्र में लाने की भूमिका का उल्लेख भी किया।

प्रधानमंत्री ने वैश्विक शासन में सुधार की जरूरत पर ज़ोर देते हुए कहा कि पुरानी संस्थाएं शांति और प्रगति लाने में संघर्ष कर रही हैं, जबकि वैश्विक दक्षिण का उदय हो रहा है। वे एक नई और अधिक निष्पक्ष विश्व व्यवस्था के निर्माण के लिए विश्व समुदाय से आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को मजबूत करने का आह्वान भी किया।

श्री मोदी ने लोकतंत्र को केवल राजनीतिक व्यवस्था नहीं बल्कि जीवन जीने का तरीका बताया और इसे साझा मूल्य के रूप में प्रस्तुत किया। उन्होंने भारतीय मूल की महिला नेताओं की प्रशंसा की। त्रिनिदाद और टोबैगो की संसद की ऐतिहासिक सीट, रेड हाउस से संबोधन करते हुए प्रधानमंत्री ने दोनों देशों को लोकतांत्रिक आदर्शों के प्रति प्रतिबद्धता और उपनिवेशवाद के बाद की यात्रा के स्तंभ बताया।

प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा के दूसरे दिन छह समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर हुए, जिनमें राजनयिक प्रशिक्षण, खेल, सांस्कृतिक आदान-प्रदान, ICCR स्थापना और सुलभ फार्मा के क्षेत्र शामिल हैं। साथ ही भारत ने त्रिनिदाद और टोबैगो के छात्रों को 2000 लैपटॉप देने की भी घोषणा की।

इससे पहले, मोदी को त्रिनिदाद और टोबैगो का सर्वोच्च राष्ट्रीय पुरस्कार, ‘ऑर्डर ऑफ द रिपब्लिक ऑफ त्रिनिदाद एंड टोबैगो’ से सम्मानित किया गया। इस यात्रा ने ओसीआई विस्तार, भारतीय प्रवासियों के उत्सव और स्वास्थ्य, आर्थिक, सांस्कृतिक तथा क्षमता निर्माण क्षेत्रों में सहयोग को नई दिशा दी है, जो दोनों देशों के बीच सहयोगात्मक संबंधों में मील का पत्थर साबित हुई है।

 
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