त्रिनिदाद एवं टोबैगो की सफल यात्रा के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पांच देशों की अपनी यात्रा के तीसरे चरण में आज अर्जेंटीना की राजधानी ब्यूनोस आयर्स पहुंचे। इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य वैश्विक दक्षिण के साथ भारत के संबंधों को और मजबूत करना है।
प्रधानमंत्री मोदी आज शाम अर्जेंटीना के राष्ट्रीय नायक जनरल जोस डे सैन मार्टिन की प्रतिमा पर श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे, जिसके बाद उनका औपचारिक स्वागत किया जाएगा। इसके बाद वह प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता करेंगे और राष्ट्रपति जेवियर माइली द्वारा दोपहर के भोजन में सम्मानित किए जाएंगे। इसके अतिरिक्त, पीएम मोदी का शहर के प्रतिष्ठित क्लब बोका जूनियर्स के फुटबॉल स्टेडियम का दौरा भी निर्धारित है।
यह यात्रा भारत-अर्जेंटीना के रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने और सहयोग के नए आयाम खोलने की दिशा में महत्वपूर्ण मानी जा रही है। प्रमुख क्षेत्रों में व्यापार, निवेश, स्वास्थ्य, फार्मास्यूटिकल्स, रक्षा, बुनियादी ढांचा, खनन, हरित ऊर्जा, डिजिटल नवाचार, आपदा प्रबंधन, विज्ञान, शिक्षा और लोगों के बीच संपर्क शामिल हैं।
पीएम मोदी राष्ट्रपति माइली के निमंत्रण पर यहां आए हैं। दोनों नेताओं की पिछली मुलाकात नवंबर 2024 में ब्राजील में जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान हुई थी। मोदी की यह यात्रा 57 वर्षों में भारत के किसी प्रधानमंत्री की अर्जेंटीना की पहली द्विपक्षीय यात्रा है, जो इसे ऐतिहासिक बनाती है।
प्रधानमंत्री ने यात्रा शुरू करने से पहले कहा कि अर्जेंटीना लैटिन अमेरिका का एक प्रमुख आर्थिक साझेदार और जी20 का करीबी सहयोगी है। यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब अर्जेंटीना आर्थिक सुधारों के दौर से गुजर रहा है, जो भारत में हुए सुधारों से प्रेरित है।
भारत और अर्जेंटीना के बीच मजबूत और सामंजस्यपूर्ण संबंध दशकों से चले आ रहे हैं। 2019 में द्विपक्षीय संबंधों को रणनीतिक साझेदारी के स्तर पर पहुंचाया गया और 2024 में राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ मनाई गई। योग, आयुर्वेद और भारतीय दर्शन अर्जेंटीना में लोकप्रिय हैं, जो लोगों के बीच संबंधों को मजबूत बनाते हैं।
रक्षा निर्माण, अंतरिक्ष, सूचना प्रौद्योगिकी और डिजिटल अवसंरचना जैसे क्षेत्रों में भारत की प्रगति अर्जेंटीना के लिए मूल्यवान अवसर प्रदान करती है। टेलीमेडिसिन और डिजिटल हेल्थकेयर में भारत की विशेषज्ञता अर्जेंटीना को गुणवत्तापूर्ण और किफायती स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने में मदद कर सकती है।
अर्जेंटीना के पास दुनिया के दूसरे सबसे बड़े शेल गैस और चौथे सबसे बड़े शेल तेल भंडार हैं, जो भविष्य में भारत के लिए महत्वपूर्ण ऊर्जा साझेदारी साबित हो सकते हैं। इसके अलावा, लिथियम, तांबा और दुर्लभ पृथ्वी तत्वों जैसे महत्वपूर्ण खनिजों के भंडार भारत की स्वच्छ ऊर्जा और औद्योगिक विकास आवश्यकताओं को पूरा करने में सहायक हैं। अर्जेंटीना, बोलीविया और चिली मिलकर 'लिथियम त्रिभुज' बनाते हैं, जो इलेक्ट्रिक वाहनों और नवीकरणीय ऊर्जा के लिए जरूरी बैटरियों का प्रमुख स्रोत है।
भारतीय सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियां खनिज विदेश इंडिया लिमिटेड और कोल इंडिया लिमिटेड अर्जेंटीना के कैटामार्का प्रांत में लिथियम परियोजनाओं में शामिल हैं, जो दोनों नेताओं के बीच चर्चा का मुख्य विषय होगा।
अर्जेंटीना के दौरे के बाद प्रधानमंत्री मोदी ब्राजील के रियो डी जेनेरियो में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे, और फिर अपनी यात्रा के अंतिम पड़ाव नामीबिया जाएंगे।
यात्रा के पहले चरण में पीएम मोदी ने घाना के अकरा का दौरा किया था, जहां दोनों देशों ने व्यापक साझेदारी और विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत किया।