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प्रधानमंत्री मोदी की पांच देशों की यात्रा सम्पन्न: नामीबिया में भारत की सॉफ्ट पावर और रणनीतिक साझेदारी को बल

Date : 10-Jul-2025

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घाना, त्रिनिदाद और टोबैगो, अर्जेंटीना, ब्राज़ील और नामीबिया की अपनी पांच देशों की यात्रा सफलतापूर्वक पूर्ण की। इस बहुपक्षीय दौरे का समापन नामीबिया में हुआ, जहां उन्होंने नामीबिया की राष्ट्रपति नेटुम्बो नंदी-नदैतवा के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता की और विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को विस्तार देने वाले समझौतों पर हस्ताक्षर किए।

यात्रा के अंतिम चरण में भारत और नामीबिया के बीच दो महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर हुए — पहला, नामीबिया में उद्यमिता विकास केंद्र की स्थापना और दूसरा, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा के क्षेत्र में सहयोग को लेकर। इसके साथ ही तीन बड़ी घोषणाएं भी की गईं:

  1. इस वर्ष के अंत तक डिजिटल भुगतान प्रणाली (UPI जैसी) का नामीबिया में शुभारंभ।

  2. नामीबिया का आपदा रोधी अवसंरचना गठबंधन (CDRI) में शामिल होना।

  3. नामीबिया का वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन (GBA) में प्रवेश।

विदेश मंत्रालय के सचिव (पूर्वी क्षेत्र) दम्मू रवि ने बताया कि दोनों नेताओं ने रणनीतिक खनिज, हाइड्रोकार्बन, रक्षा सहयोग, डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना, पर्यावरण संरक्षण और क्षमता निर्माण जैसे विविध क्षेत्रों में सहयोग को गहराने पर सहमति जताई। उन्होंने यह भी बताया कि नामीबिया ऐसा पहला देश बना है जहाँ भारतीय तकनीक पर आधारित UPI जैसी भुगतान प्रणाली को लागू करने हेतु NPCI और वहां के केंद्रीय बैंक के बीच तकनीकी समझौता हुआ है।

प्रधानमंत्री को विंडहोक पहुंचने पर भव्य स्वागत और गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। स्थानीय भारतीय समुदाय ने उनका गर्मजोशी से अभिनंदन किया, जिसकी सांस्कृतिक पहचान बनाए रखने के प्रयासों की प्रधानमंत्री ने सराहना की।

इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नामीबिया के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से भी सम्मानित किया गया — यह भारत-नामीबिया संबंधों में एक ऐतिहासिक क्षण रहा। लगभग तीन दशकों के बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यह पहली नामीबिया यात्रा थी, जिसने स्वास्थ्य सेवा, डिजिटल प्रौद्योगिकी, और शिक्षा में सहयोग को नए स्तर पर पहुंचाया।

यह बहुपक्षीय यात्रा भारत की वैश्विक दक्षिण नीति को मजबूती प्रदान करती है और अफ्रीकी देशों के साथ भारत के सहयोगात्मक रिश्तों को विशेषकर सॉफ्ट पावर, तकनीकी साझेदारी, और मानव संसाधन विकास के जरिए नई दिशा देती है।

 
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