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पूर्व मुख्य न्यायाधीशों ने ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ समिति के समक्ष रखा अपना पक्ष

Date : 11-Jul-2025

नई दिल्ली, 11 जुलाई । संविधान (129वां संशोधन) विधेयक, 2024 और केंद्र शासित प्रदेश कानून (संशोधन) विधेयक, 2024 पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की आज संसद भवन एनेक्सी में ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के प्रस्ताव पर विस्तृत विचार-विमर्श के लिए बैठक हुई। पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जेएस खेहर और न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ ने आज इसपर कानूनी और संवैधानिक विषयों पर अपना पक्ष रखा।

सूत्रों के मुताबिक संसद की संयुक्त समिति की बंद कमरे में हुई अहम बैठक में पूर्व मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ ने ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ विधेयक में गंभीर संवैधानिक खामियों की ओर इशारा किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह विधेयक संविधान की मूल संरचना का उल्लंघन नहीं करता, लेकिन कई धाराएं अस्पष्ट हैं और इन्हें संसद को स्पष्ट करना होगा। उनके साथ पूर्व मुख्य न्यायाधीश जे.एस. खेहर ने भी ऐसे बिंदुओं पर प्रकाश डाला। दोनों ने बिल की वैधानिकता को सिद्ध किया, लेकिन स्पष्ट भाषा और सुरक्षा उपायों की सिफारिश की। समिति में विभिन्न दलों के 38 सांसद मौजूद थे।

समिति के अध्यक्ष और भारतीय जनता पार्टी के सांसद पीपी चौधरी ने कहा कि सभी सदस्य दलगत भावना से ऊपर उठकर इस मुद्दे पर विचार कर रहे हैं। पूर्व मुख्य न्यायाधीशों की उपस्थिति का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य एक संतुलित और प्रभावी ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ विधेयक का मसौदा तैयार करना है। इसीलिए हमने ऐसे सम्मानित कानूनी विशेषज्ञों को आमंत्रित किया है जो निष्पक्ष रहें और केवल कानून के प्रति प्रतिबद्ध हों। समिति अपनी सिफारिशों को अंतिम रूप देने से पहले सभी संवैधानिक और प्रशासनिक पहलुओं पर विचार कर रही है।

चौधरी ने कहा कि जनता की राय, प्रशासनिक प्रतिक्रिया और संवैधानिक सलाह-सब कुछ ध्यान में रखा जा रहा है। यह प्रक्रिया राजनीति से ऊपर है और हमारी रिपोर्ट राष्ट्रीय हित में तैयार की जाएगी। समिति अपना परामर्श जारी रखे हुए है और आने वाले महीनों में एक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने की उम्मीद है।

 
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