नई दिल्ली, 10 सितंबर | देश में हरित स्रोतों से बनने वाली ऊर्जा 250 गीगावाट पहुंच गई। यह एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। इस उपलब्धि को सौर, पवन, जल और जैव ऊर्जा जैसे स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों के समन्वित उपयोग से हासिल किया गया।
केंद्रीय बंदरगाह, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने इस उपलब्धि पर खुशी जताते हुए इसे स्वच्छ ऊर्जा क्रांति में मील का पत्थर बताया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में भारत वैश्विक नवीकरणीय ऊर्जा नेता के रूप में अपनी स्थिति को और मजबूत कर रहा है। यह उपलब्धि भारत की स्वच्छ और टिकाऊ भविष्य के प्रति प्रतिबद्धता को नया आकार देती है।
केंद्रीय राज्य मंत्री शांतनु ठाकुर ने भी इस उपलब्धि को गौरवपूर्ण कदम करार दिया। उन्होंने कहा कि 250 गीगावाट की यह क्षमता भारत की हरित ऊर्जा यात्रा में ऐतिहासिक पड़ाव है, जो पर्यावरण संरक्षण और टिकाऊ विकास के प्रति देश की अटल प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह उपलब्धि न केवल भारत की ऊर्जा नीतियों की सफलता को रेखांकित करती है, बल्कि वैश्विक मंच पर भारत को स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में एक अग्रणी शक्ति के रूप में स्थापित करती है।
उल्लेखनीय है कि साल 2014 में देश की हरित स्रोतों से ऊर्जा उत्पन्न करने की क्षमता केवल 81 गीगावाट थी, जो 2025 में 250 गीगावाट तक पहुंच गई है। इस उपलब्धि के बाद भारत सरकार के 2030 तक 500 गीगावाट गैर-जीवाश्म ऊर्जा क्षमता प्राप्त करने का लक्ष्य है।