चंद्रयान-3 जो 14 जुलाई 2023 शुक्रवार को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से दोपहर 2:35 मिनट पर प्रक्षेपित किया गया था | इसकी सफलता के बाद इसरो द्वारा 'आदित्य-L1' को लॉन्च किया गया था |
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (ISRO) ने देश के पहले सोलर मिशन को 'आदित्य-L1' नाम दिया है। यह इसरो द्वारा 2 सितंबर को चंद्रयान-3 की तरह इसे भी श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से सुबह 11 बजकर 50 मिनट पर लॉन्च किया गया था | इसे लॉन्च करने का उद्देश्य सूर्य के बारे में अधिक से अधिक जानकारी एकत्रित करना था |
आपको बता दें कि यह स्पेस क्राफ्ट सिर्फ L1 प्वाइंट (बिंदु) तक ही सफर करेगा |और इसरो के अनुसार, पृथ्वी से लार्ज्रेंज बिंदु 1 तक का सफर पूरा करने में लगभग चार महीने लगेंगे।
एल 1 बिंदु की हमारी धरती से दूरी करीब 15 लाख किलोमीटर है | जहां सूरज और पृथ्वी की ग्रेविटी एक दूसरे के समान होती है | इसीलिए यहां मौजूद कोई भी चीज बिना ईंधन खर्च किए अपनी जगह पर लंबे समय तक बनी रह सकती है |
नासा के द्वारा लॉन्च किया गया पार्कर सोलर प्रोब स्पेस क्राफ्ट सूरज के सबसे करीब पहुंचने वाला एक मात्र स्पेस क्राफ्ट है | पार्कर सोलर प्रोब को नासा ने 2018 में अंतरिक्ष में रवाना किया था | अब यह स्पेस क्राफ्ट सूर्य के करीब पहुंचने के साथ ही इस दुनिया का सबसे तेज गति से चलने वाला स्पेस क्राफ्ट भी है |