छत्तीसगढ़ राज्य के बस्तर संभाग के नारायणपुर जिले में स्थित ओरछा ब्लॉक के हांदावाड़ा ग्राम पंचायत के अन्तर्गत लगभग 5 कि. मी. की दूरी पर धारा डोंगरी पहाडी से एक प्रपात के स्वरूप मे लगभग 500 फिट के उंचाई से जल की धारा गिरती है। जिसे हांदावाड़ा जलप्रपात के नाम से जाना जाता है। हांदावाड़ा नामक इस जलप्रपात को छत्तीसगढ़ राज्य का सबसे ऊँचा जलप्रपात माना बताया जाता है। जो की काफी घनी जंगली क्षेत्र में स्थित है। अंतिम गाँव से इस हांदावाड़ा झरने तक पहुँचने के लिए लगभग 5 कि. मी.की दूरी पैदल ही घने जंगलों के बीच चलकर तय करनी पडती है।
यह जलप्रपात इतना विशाल दिखाई पड़ता है की इसकी सुन्दरता देखते ही बनती है। हांदावाड़ा जलप्रपात के बारे में जाने माने पर्यटन विदों का यह दावा है कि यह जलप्रपात ना केवल छत्तीसगढ़ का ही बल्कि पूरे देश के सबसे बड़ी जलप्रपातो में से एक है। परंतु माओवादी यानी नक्सली इलाका होने की समस्या तथा दुर्गम पहुंच मार्ग होने के कारण हांदावाड़ा नामक यह जलप्रपात पर्यटकों की नजर से काफ़ी समय से ओझल सा बना रहा है। नारायणपुर जिले से करीब 75 कि. मी. की दूरी पर ओरछा ब्लॉक मुख्यालय स्थित है। तथा ओरछा से करीब 30 कि. मी. का सफर सड़क मार्ग द्वारा भटबेडा गांव तक तय पहुंचा जा सकता है। जिसके आगे की 10 km. Ki दूरी सीधी पहाडी को पैदल ही चढकर पार करना पडता है। लेकिन जैसे जैसे समय गुजरता जा रहा है, एवं नक्सलियों का खतरा जैसे जैसे काम होता जा रहा है यहां पहुंचने दी सैलानियों की संख्या दिनो दिन बढ़ती जा रही है।
5 किलोमिटर दूर तक सुनाई देती है जलप्रपात के गिरने से उत्पन्न गर्जना : इस जलप्रपात से जैसे जैसे नीचे जाते है, चार अलग अलग स्तरों पर यह प्रपात बनता हुआ दिखाई पड़ता है। बरसात के दिनों में इस जल प्रपात में जल का भराव अपने पूरे शबाब पर होता है। जिसकी सुंदरता देखते ही बनती है। इस जलप्रपात की गर्जना की आवाज आसपास के 4 से 5 कि. मी.दूर के क्षेत्र यानी की पुरे गॉव में सुनाई देती है। मॉनसून के दौरान इसकी प्रकृतिक सुंदरता का आनंद लेने काफी दूर दूर से लोग यहां आते हैं।
हांदावाड़ा के इस जलप्रपात तक पहुचने हेतु कोई पक्की सडक अब तक नहीं बन पाई है। अतः केवल दो पहिया वाहनो के मदद से ही काफी कच्ची सडक के द्वारा हांदावाड़ा पहुचा जा सकता है। ज्यादातर लोग यही सोचते हैं कि बीजापुर, दंतेवाड़ा एवं नारायणपुर जैसे जिले केवल संवेदनशील गतिविधियों हेतु ही जाने जाते हैं। लेकिन बहुत कम लोगो के ही इस बारे में जानकारी है कि ये सभी जिले सबसे अधिक विदेशी सैलानियों का दर्शनीय स्थल है। साथ ही सुंदर गुफाओं, झरनों तथा घाटियों का विशाल घर हैं । चारो ओर स्वच्छ एवं प्राकृतिक वातावरण जो प्रकृति प्रेमियों को अपनी ओर खींचती हुई यहां ले आती है। हर तरह की प्रकृति पेड़ पौधे एवं वन्य संपदा यहां मिलते है।
घूमने जाने का सही समय : बरसात का मौसम यहां आने और इसकी सुन्दरता को देखने के लिए सबसे बेस्ट है। लेकिन यहां पहुंचना बारिश के दिनो मे और भी अधिक मुश्किल है। अतः हम आपको सलाह देना चाहेंगे की आप बरशत के ठीक बाद अक्टूबर से मार्च के बीच में यहां आने का प्रयास करे ताकि आपको यहां फूंचने में भी आसानी ही और आपको जलप्रपात का सुंदर दृश्य भी देखने को मिले।
कैसे पहुंचें -
सड़क मार्ग द्वारा:- नारायणपुर जिले से करीब 75 कि. मी.की दूरी पर ओरछा ब्लॉक मुख्यालय स्थित है। तथा ओरछा से करीब 30 कि. मी. का सफर सड़क मार्ग द्वारा के द्वारा भटबेडा गांव तक तय पहुंचा जा सकता है। अतः आप सड़क मार्ग द्वारा नारायपुर पहुंच कर आसानी से यहां पहुंच सकते है।
रेल मार्ग द्वारा:- नजदीकी रेल मार्ग नारायणपुर जिले में स्थित है। जहां पहुंचने के बाद आप सड़क मार्ग द्वारा बस या ऑटो के के सहारे यहां पहुंच सकते है। रायपुर रेलवे स्टेशन से करीब 356 कि. मी. की दूरी पर है नारायणपुर रेलवे स्टेशन।
हवाई मार्ग द्वारा:- अगर आप दूर दराज प्रदेश से यहां आना चाहते है। तो आपको इसके आस पास सबसे नजदीकी हवाई अड्डा रायपुर स्थित स्वामी विवेकानन्द हवाई अड्डा मिलेगा जहा पहुंचने के बाद आप सड़क या रेल मार्ग द्वारा यहां आसानी से पहुंच सकते है।