बैगा जनजाति की परंपरा का अमिट हस्ताक्षर | The Voice TV
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बैगा जनजाति की परंपरा का अमिट हस्ताक्षर
Date : 29-Dec-2024
जोधइया बाई की चित्रकला की मुख्य विशेषता यही थी कि उन्होंने अपने चित्रों में प्राकृतिक तत्वों का समावेश किया जिसमें जंगल, पेड़-पौधे, पक्षी, जानवर और प्राकृतिक दृश्यों के साथ बैगा समुदाय के धार्मिक और सांस्कृतिक प्रतीक भी सम्मिलित होते थे। जोधइया बाई की चित्र शैली साधारण होने के साथ गहरा संदेशों की प्रधानता लिए हुए थी। उनके चित्रों में सरलता, सहजता, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक संदेश छिपे होते थे। जोधइया बाई की चित्रकारी में बाघ, हिरण, हाथी, पक्षी, नाग , वृक्ष, पर्वत इन चिन्हों के साथ-साथ देवी देवताओं के प्रतीक चिन्हों (ऊँ, त्रिशूल, स्वास्तिक) को भी स्थान दिया गया। जो यह प्रमाणित करते हैं कि बैगा जनजाति में शिव- शक्ति, गणेश ,अग्नि ,सूर्य, नदी, पर्वतों आदि का पूजन प्रकृति देवी-देवताओं के रुप में आदिकाल से किया जा रहा है।
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