आज जन औषधि दिवस मनाया जा रहा है, जिसका उद्देश्य प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना (पीएमबीजेपी) के प्रति जागरूकता बढ़ाना और जेनेरिक दवाओं के उपयोग को प्रोत्साहित करना है। इस योजना के तहत, आम जनता को सस्ती दरों पर उच्च गुणवत्ता वाली दवाएँ उपलब्ध कराई जाती हैं। इस पहल का समर्थन करते हुए रसायन और उर्वरक मंत्रालय ने पूरे देश में सप्ताहभर चलने वाले कार्यक्रमों का आयोजन किया है।
जन औषधि परियोजना की शुरुआत और उद्देश्य
प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना की शुरुआत नवंबर 2008 में की गई थी, जिसका मुख्य उद्देश्य लोगों को सस्ती लेकिन गुणवत्तापूर्ण दवाइयाँ उपलब्ध कराना है। जन औषधि केंद्रों के माध्यम से बाजार मूल्य से 50 से 80 प्रतिशत कम कीमत पर दवाएँ प्रदान की जाती हैं। इस योजना के तहत दवाइयाँ केवल प्रमाणित निर्माताओं से ही खरीदी जाती हैं, जिससे उत्पादों की गुणवत्ता सुनिश्चित होती है।
महत्वपूर्ण पहल और विस्तार
इस योजना की एक प्रमुख उपलब्धि सुविधा सैनिटरी नैपकिन का सिर्फ एक रुपये प्रति पैड की दर पर उपलब्ध कराना है, जिससे महिलाओं के स्वास्थ्य और स्वच्छता में सुधार हुआ है। वर्तमान में, देशभर के सभी जिलों में 15,000 से अधिक जन औषधि केंद्र संचालित हो रहे हैं, जिससे न केवल सस्ती दवाइयाँ उपलब्ध हो रही हैं, बल्कि स्वरोज़गार के नए अवसर भी पैदा हो रहे हैं। यह पहल एक स्थायी और नियमित आय स्रोत प्रदान करके कई लोगों के लिए आजीविका का साधन बन रही है।