तिब्बत के स्कूली बच्चों पर चीन के शोषण को उजागर करती रिपोर्ट जारी | The Voice TV

Quote :

तुम खुद अपने भाग्य के निर्माता हो - स्वामी विवेकानंद

National

तिब्बत के स्कूली बच्चों पर चीन के शोषण को उजागर करती रिपोर्ट जारी

Date : 11-Jul-2025

नई दिल्ली, 11 जुलाई । तिब्बत एक्शन इंस्टीट्यूट ने शुक्रवार को शोध रिपोर्ट ‘जब वे हमारे बच्चों को उठाने आए- चीन के औपनिवेशिक आवासीय विद्यालय और तिब्बत का भविष्य’ का हिंदी संस्करण कंस्टीट्यूशन क्लब में जारी कियाा। मूल रूप से अंग्रेजी में इस रिपोर्ट को 28 मई 2025 को ऑनलाइन जारी किया गया है। यह रिपोर्ट चीन सरकार द्वारा तिब्बत के आवासीय विद्यालयों में तिब्बती बच्चों के साथ किए जा रहे शोषण को उजागर करती है।

इस लोकार्पण समारोह में प्रमुख भारतीय और तिब्बती नेताओं ने भाग लिया। इनमें राज्यसभा सदस्य सुजीत कुमार, गृह मंत्रालय के पूर्व विशेष सलाहकार अमिताभ माथुर, कोर ग्रुप फॉर तिब्बतन कॉज इंडिया के राष्ट्रीय संयोजक आरके खिरमे, तिब्बत में चीन की आत्मसात और शिक्षा नीतियों के प्रमुख विशेषज्ञ डॉ. ग्याल लो और तिब्बती सांसद और तिब्बत एक्शन इंस्टीट्यूट में एशिया कार्यक्रम प्रबंधक दोरजी सेतेन शामिल रहे।

तिब्बत एक्शन इंस्टीट्यूट में तिब्बत मामलों और शिक्षा मामलों के विशेषज्ञ डॉ. ग्याल लो ने चीनी की औपनिवेशिक आवासीय विद्यालय प्रणाली को तिब्बती पहचान, संस्कृति और आध्यात्मिक परंपराओं को मिटाने की एक सुनियोजित रणनीति का हिस्सा बताया हैं। उन्होंने कहा कि चीन के औपनिवेशिक आवासीय विद्यालय तिब्बती बच्चों को शिक्षित करने के लिए नहीं, बल्कि उन्हें धर्म प्रचारित करने के लिए बनाए गए हैं।

इस रिपोर्ट में दिए गए साक्ष्य उनके शोध और उनके अपने परिवार के अनुभव की पुष्टि करते हैं। चीनी अधिकारी जान-बूझकर हमारे बच्चों को हमसे दूर कर रहे हैं और उन्हें अपनी परंपराओं से अलग कर रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार हाल के वर्षों में चीनी सरकार ने तिब्बतियों द्वारा संचालित स्कूलों और स्थानीय गांवों के स्कूलों को बंद किया है, जिससे तिब्बती अभिभावकों के पास अपने बच्चों को सरकारी आवासीय विद्यालयों में भेजने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है।

पूर्व विशेष सलाहकार अमिताभ माथुर ने कहा कि भारत को तिब्बत जैसी एक अनूठी संस्कृति को मिटाने के प्रयास के प्रति मूक-बधिर बनकर नहीं रहना चाहिए। तिब्बत का आध्यात्मिक उद्गम हमारी नालंदा परंपरा से जुड़ा है और लिपि देवनागरी से ही निकली है।

 
RELATED POST

Leave a reply
Click to reload image
Click on the image to reload










Advertisement