पटना, 27 नवंबर । सोनपुर मेला के मुख्य सांस्कृतिक मंच परिसर में सोनपुर साहित्योत्सव 2025 का आयोजन हुआ। साहित्योत्सव में देश-प्रदेश के प्रतिष्ठित साहित्यकारों, युवा रचनाकारों, शिक्षाविदों और साहित्य-प्रेमियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। पूरे स्थल पर शब्दों, विचारों और रचनात्मकता का अद्भुत संगम देखने को मिला।
कार्यक्रम की शुरुआत जिलाधिकारी अमन समीर द्वारा दीप प्रज्वलन से हुई। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि साहित्यिक चेतना व्यक्ति के विकास और दायित्व बोध के लिए आवश्यक है। सोनपुर मेला जो अपने आप में एक लम्बी परम्परा का साक्षी है, में इस प्रकार का आयोजन महत्वपूर्ण है और नई पीढ़ी को पढ़ने की दुनियां से जोड़ता है। उन्होंने बताया कि इस आयोजन का उद्देश्य साहित्य के प्रति समाज में संवेदनशीलता और रचनात्मक दृष्टि को बढ़ावा देना है। इस अवसर पर उन्होंने यह भी बताया कि इस बार सोनपुर मेले में पुस्तक मेले का भी आयोजन किया गया है।
साहित्योत्सव में शामिल लेखकों, बुद्धिजीवियों ने साहित्य के सामाजिक दायित्व तथा रचनात्मक अभिव्यक्ति की भूमिका पर महत्वपूर्ण विचार रखे।
इस साहित्यिक उत्सव में विविध और प्रेरणादायी सत्रों का आयोजन किया गया जिसमें मेला का इतिहास, साहित्य में लोक, बटोहिया, बिहार का इतिहास, पुरातत्व और परंपरा, साहित्य को बिहार की देन, एआई के दौर में किताबें पर बातें की गईं। साथ ही कवि अरुण कमल से बातचीत, लेखक संतोष दीक्षित तथा शिवदयाल से उनके रचना कर्म पर बातचीत भी की गई। कविता पाठ का सत्र जिसमे श्रेष्ठ कवियों द्वारा भावपूर्ण काव्य-पाठ किया गया। साथ ही समय के स्वर में प्रसिद्ध शायरों द्वारा ग़ज़ल पढ़ी गई। साहित्य, पत्रकारिता और रचनाकर्म से जुड़े प्रसिद्ध नाम अरुण कमल, रत्नेश्वर सिंह, डॉक्टर शिवनारायण, संतोष दीक्षित, शिवदयाल, भैरव लाल दास, संतोष सिंह, अरुण सिंह, पृथ्वी राज सिंह, रविशंकर उपाध्याय, डॉक्टर पृथ्वी राज सिंह, डॉक्टर उज्ज्वल कुमार, पुष्यमित्र, डॉक्टर विमलेंदु , उत्कर्ष आनंद , भगवती प्रसाद द्वेदी, भावना शेखर, जयप्रकाश, कृष्ण समिध, अनिश अंकुर, डॉक्टर मुसाफिर बैठा, समीर परिमल, संजय कुंदन, अविनाश बंधु, चन्द्रबिन्द, अंचित अविनाश भारती, राकेश रंजन, अनिरुद्ध सिन्हा इसमें उपस्थित रहे।
इस अवसर पर अपर समाहर्ता मुकेश कुमार, जिला अवर निबंधक गोपेश कुमार चौधरी उपस्थित थे।
