सारण, 28 नवंबर । जिले के जलालपुर प्रखंड में रबी मौसम की शुरुआत में ही किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। इस वर्ष अत्यधिक बारिश के कारण उपजाऊ भूमि का एक बड़ा हिस्सा अभी भी जलमग्न है, जिससे गेहूं की बुआई बुरी तरह प्रभावित हुई है।
जलालपुर प्रखंड स्थित सम्हौता निवासी रामेश्वर राय का कहना है कि इस बार प्रखंड की 70% भूमि पर ही गेहूं की रोपनी संभव हो पाएगी, जबकि 30% भूमि पर किसान चाहकर भी फसल नहीं लगा पाएंगे।
जलालपुर प्रखंड निवासी यमराज माझी ने इस गंभीर स्थिति की जानकारी देते हुए बताया कि बीते 3 और 4 अक्टूबर को हुई अत्यधिक बारिश का पानी अब तक खेतों से नहीं निकल पाया है। पानी जमा होने के कारण खेतों में ट्रैक्टर या अन्य कृषि यंत्र ले जाना तो दूर, पैदल चलना भी मुश्किल है। इस वजह से गेहूं की बुआई का उचित समय निकल चुका है और अब हमें काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। उनका आकलन है कि पानी नहीं निकलने के कारण इस बार किसान संपूर्ण उपजाऊ भूमि के केवल 70 प्रतिशत भूभाग पर ही गेहूं की फसल रोप पाएंगे।
खेती में इस बड़े विलंब से न केवल किसानों की लागत बढ़ रही है, बल्कि उन्हें इस बार गेहूं के कम उत्पादन की चिंता भी सता रही है। अजय कुमार सिंह और अन्य किसानों ने नवनियुक्त विधायक रणधीर सिंह एवं सरकार से गुहार लगाई है कि जल निकासी की तत्काल व्यवस्था की जाए और जिन किसानों की भूमि पर इस बार रोपनी संभव नहीं हो पाई है, उन्हें उचित सरकारी मुआवज़ा दिया जाए।
जलालपुर प्रखंड के किसानों के लिए यह वर्ष एक बड़ी चुनौती लेकर आया है, जहाँ अत्यधिक बारिश ने उनकी आर्थिक कमर तोड़ दी है और अब वे सरकार की ओर उम्मीद भरी निगाहों से देख रहे हैं।
