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सुनीता विलियम्स, जो पृथ्वी से 400 किमी ऊपर अंतरिक्ष में हैं, एक दिन में 16 बार सूरज को उगते और डूबते हुए देख रही थीं, ऐसा क्यों?

Date : 04-Nov-2024

 धरती से 400 किलोमीटर ऊपर स्थित इंटरनेशनल स्‍पेस स्‍टेशन (ISS) पर रहने वाले अंतरिक्ष यात्री एक दिन में सिर्फ एक बार सूर्योदय या सूर्यास्‍त नहीं देखते, बल्कि उन्‍हें यह 16 बार देखने का अवसर मिलता है। भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स भी वर्तमान में ISS पर हैं और हर रोज 16 बार सूर्य को उगते और डूबते हुए देखती हैं। साल 2013 में जब सुनीता भारत आई थीं, तब उन्‍होंने इस अनुभव को साझा किया था। उस समय उन्‍हें गुजरात यूनिवर्सिटी द्वारा सम्‍मानित किया गया था।

अपने अनुभव को साझा करते हुए सुनीता ने कहा था, "मैं हमेशा अंतरिक्ष में जाना चाहती थी और इसके लिए मैंने कड़ी मेहनत की। मैं भाग्यशाली रही कि मुझे एक हाई-स्‍पीड स्‍पेसक्राफ्ट में सवार होकर एक दिन में 16 सूर्योदय और सूर्यास्त देखने का अवसर मिला।"

सुनीता विलियम्स अब फिर से अंतरिक्ष में हैं। उनके साथ उनके साथी बुच विलमोर और अन्य एस्‍ट्रोनॉट्स भी ISS पर मौजूद हैं। सुनीता और बुच ने बोइंग के स्‍टारलाइनर स्‍पेसक्राफ्ट से उड़ान भरी थी, लेकिन आईएसएस पर डॉक करने के बाद स्‍टारलाइनर में तकनीकी खराबी गई, जिसके कारण उसे बिना एस्‍ट्रोनॉट्स के पृथ्वी पर वापस लाना पड़ा। इस वजह से सुनीता और बुच फिलहाल अंतरिक्ष में ही रह गए हैं, और वे अगले साल फरवरी में पृथ्वी पर लौट पाएंगे।

 ISS पर क्यों होता है 16 बार सूर्योदय-सूर्यास्‍त

रिपोर्ट के अनुसार, इंटरनेशनल स्‍पेस स्‍टेशन की गति 28,000 किलोमीटर प्रति घंटे है, जिससे वह पृथ्वी का एक चक्‍कर मात्र 90 मिनट में पूरा कर लेता है। इस तेज गति के कारण अंतरिक्ष यात्री हर 45 मिनट में सूर्योदय या सूर्यास्‍त को देखते हैं, जबकि सामान्य रूप से यह अनुभव आम इंसान को केवल एक बार ही दिन में होता है।

जब अंतरिक्ष यात्री आईएसएस पर होते हैं, तो वे हर 45 मिनट में सूर्योदय या सूर्यास्‍त देख सकते हैं। इस दौरान एस्‍ट्रोनॉट्स यूनिवर्सल टाइम का पालन करते हुए अपने रोज़मर्रा के कार्यों को पूरा करते हैं।

 
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