मातृभूमि की रक्षा में हम सदा तैयार हैं,
शत्रुओं की चालों से हम हमेशा होशियार हैं।
विश्व को दिशा दिखाते हैं, समाज की नींद में चेतना जगाते हैं,
हम भारत की शान बढ़ाते, हौंसले का प्रतीक हम हैं वीर सिपाही |
सेना दिवस पर महत्वपूर्ण बातें:
• इस दिन देश की राजधानी दिल्ली और अन्य प्रमुख शहरों में सैन्य परेड का आयोजन किया जाता है.
• भारतीय सेना का आदर्श वाक्य “स्वयं से पहले सेवा” है
• सेना दिवस परेड भारतीय सेना की सैन्य शक्ति और कौशल को प्रदर्शित करती है।
• विभिन्न सैन्य प्रदर्शनियां और हथियारों का प्रदर्शन आयोजित किया जाता है।
• इस दिन देश के लिए अपनी जान की कुर्बानी देने वाले सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है।
• यह दिन देशभक्ति और सशस्त्र बलों के प्रति सम्मान और प्रेरणा का प्रतीक है।
• बहादुर सैनिकों को उनकी अद्वितीय सेवा के लिए पुरस्कार और पदक प्रदान किए जाते हैं।
• इस दिन के आयोजन राष्ट्रीय सुरक्षा और शांति में सेना की भूमिका को उजागर करते हैं।
• यह दिन सैनिकों द्वारा देश की रक्षा के लिए किए गए बलिदानों की याद दिलाता है।
फील्ड मार्शल के एम करिअप्पा कौन थे?
करिअप्पा थे शौर्य के अद्वितीय प्रतीक,
धरती मां के सच्चे सपूत, वीर और विद्वान।
सेना को दिया नेतृत्व का ज्ञान ,
अमर रहें वे, प्रेरणा के अनमोल विद्वान।"
1993 में, 94 वर्ष की आयु में उनका निधन बेंगलुरु में हुआ।
तृणं ब्रम्हाविद स्वर्गं तृण तृणं शूरस्य जीवनम् |
जिमाक्ष्स्य तृणं नारी नि: स्पृहस्य तृणं जगत ||
आशय यह है कि जो व्यक्ति ब्रम्हा को जान लेता है, उसे स्वर्ग की कोई इच्छा नहीं रहती, क्योंकि स्वर्ग के सुखों को भोगने के बाद फिर जन्म लेना पड़ता है | ब्रम्हज्ञानी ब्रम्हा में मिल जाता है | अत: उसके लिए स्वर्ग का कोई महत्त्व ही नहीं रह जाता | युद्धभूमि में वीरता दिखानेवाला योद्धा अपने जीवन की परवाह नहीं करता | जो व्यक्ति अपनी इन्द्रियों को जीत लेता हैं, उसके लिए स्त्री तिनके के समान मामूली वस्तु हो जाती है | जिस योगी की सभी इच्छाएं समाप्त हो जाती हैं वह सारे संसार को तिनके के समान समझने लगता है |