चाणक्य नीति:- आत्मा को पहचानें | The Voice TV

Quote :

सपनों को हकीकत में बदलने से पहले, सपनों को देखना ज़रूरी है – डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम

Editor's Choice

चाणक्य नीति:- आत्मा को पहचानें

Date : 08-Jan-2025

नास्ति कामसमो व्याधिर्नास्ति मोहसमो रिपु: |

नास्ति कोप समो वन्ही र्नास्ति ज्ञानातपरं सुखम ||

यहां आचार्य परम सुख का महत्त्व प्रतिपादित करते हुए सुख का ही बखान करते हुए कहते हैं  कि ‘काम’ के समान व्याधि नहीं है, मोह - अज्ञान के समान कोई शत्रु नहीं है, क्रोध के समान कोई आग नहीं है तथा ज्ञान के समान कोई सुख नहीं है |

अर्थात् काम-वासना मनुष्य का सबसे बड़ा रोग है, मोहमाया या अज्ञान सबसे बड़ा शत्रु है, क्रोध के समान कोई आग नहीं है तथा ज्ञान के समान कोई सुख नहीं है |

यहां मोह और ज्ञान वेदांत दर्शन के पारिभाषिक शब्द है, माया के भ्रम में जीव आत्मा को भूल जाता है, इसी को मोह, अज्ञान या माया कहा जाता है | आत्मा को जानना ही ज्ञान कहा जाता है |

 
RELATED POST

Leave a reply
Click to reload image
Click on the image to reload










Advertisement