AI की दुनिया में अब मुकाबला सिर्फ तकनीक का नहीं, टैलेंट का हो गया है। इसी कड़ी में Meta (पूर्व में Facebook) ने एक बड़ा कदम उठाते हुए Apple के सीनियर AI रिसर्चर Ruoming Pang को लगभग 1600 करोड़ रुपये (200 मिलियन डॉलर) के पैकेज में अपनी टीम में शामिल किया है। इससे साफ है कि मार्क जुकरबर्ग किसी भी कीमत पर AI की रेस में पीछे नहीं रहना चाहते। उनके लिए यह सिर्फ एक तकनीकी बदलाव नहीं, बल्कि भविष्य की सबसे बड़ी क्रांति है।
इससे पहले भी Meta ने OpenAI के ट्रैपिट बंसल को करीब 800 करोड़ रुपये का ऑफर देकर अपनी टीम में जोड़ा था। अब Meta का फोकस टैलेंट हंट पर है, जिसमें वह Apple, Google DeepMind, Anthropic और OpenAI जैसी कंपनियों के दिग्गज AI एक्सपर्ट्स को 800 से 1600 करोड़ रुपये तक के ऑफर देकर लुभा रहा है।
Meta का यह भारी निवेश सिर्फ वेतन नहीं है, बल्कि इसमें शामिल हैं साइनिंग बोनस, इक्विटी (शेयर), और परफॉर्मेंस बोनस। ये पैकेज टेक इंडस्ट्री में CEO स्तर की सैलरी को भी पीछे छोड़ रहे हैं।
इस निवेश का मकसद एक Superintelligence Lab तैयार करना है — ऐसा रिसर्च हब जो सिर्फ आर्टिफिशियल जनरल इंटेलिजेंस (AGI) तक सीमित न रहे, बल्कि उससे आगे बढ़कर एक ऐसा AI बनाए जो हर क्षेत्र में इंसानों से अधिक तेज, सक्षम और समझदार हो।
मार्क जुकरबर्ग ने खुद साफ किया है कि अब AI उनकी प्राथमिकता नंबर 1 है। इस सुपरइंटेलिजेंस लैब के जरिए Meta इन उद्देश्यों को पूरा करना चाहता है:
-
इंसानों से तेज और समझदार AI बनाना
-
मेडिकल, विज्ञान, इकॉनॉमी और क्रिएटिव इंडस्ट्री में AI का गहन उपयोग
-
दुनिया की सबसे मजबूत और इनोवेटिव AI टीम बनाना
यह सब दिखाता है कि आने वाले समय में AI की प्रतिस्पर्धा सिर्फ तकनीक की नहीं, बल्कि दुनिया के सबसे होशियार दिमागों की लड़ाई होगी — और Meta इसे जीतने के लिए पूरी ताकत झोंक चुका है।