तमिलनाडु के वेल्लोर जिले में स्थित श्री महालक्ष्मी मंदिर, जिसे श्रीपुरम महालक्ष्मी स्वर्ण मंदिर या श्री लक्ष्मी नारायणी स्वर्ण मंदिर के नाम से भी जाना जाता है, देवी लक्ष्मी को समर्पित एक भव्य धार्मिक स्थल है। यह मंदिर अपने स्वर्ण-आवरण वाले अद्भुत ढांचे के कारण दक्षिण भारत का स्वर्ण मंदिर कहलाता है।
मंदिर की प्रमुख विशेषताएँ
- यह मंदिर द्रविड़ स्थापत्य शैली में निर्मित है।
- इसकी नक्काशी और मूर्तियों की कलाकारी बेहद आकर्षक और मनमोहक है।
- मंदिर तक जाने वाला मार्ग तारा (सितारे) के आकार का बनाया गया है।
- चारों ओर फैले हरे-भरे बगीचे इसकी भव्यता को और बढ़ाते हैं।
- रात में रोशनी के प्रभाव से यह मंदिर अद्वितीय रूप से जगमगाता है।
- दर्शन का समय: मंदिर प्रतिदिन सुबह 8 बजे से रात 8 बजे तक खुला रहता है।
- अभिषेक का समय: प्रतिदिन सुबह 4 बजे से 8 बजे तक अभिषेक किया जाता है।
दक्षिण भारत का स्वर्ण मंदिर
श्रीपुरम महालक्ष्मी मंदिर में प्रयुक्त शुद्ध सोने की मात्रा विश्व के किसी अन्य धार्मिक स्थल से अधिक है। इस मंदिर के निर्माण में लगभग 15,000 किलोग्राम सोने का उपयोग किया गया है, जबकि अमृतसर के प्रसिद्ध स्वर्ण मंदिर में मात्र 750 किलोग्राम स्वर्ण लगा है।
- यह मंदिर 100 एकड़ भूमि में फैला हुआ है।
- इस अद्भुत रचना को बनाने में 300 करोड़ रुपये की लागत आई थी।
- रात के समय मंदिर की रोशनी में इसकी भव्यता देखने लायक होती है।
शक्ति अम्मा का योगदान
श्रीपुरम स्वर्ण मंदिर की स्थापना शक्ति अम्मा नामक एक युवा संन्यासिनी के मार्गदर्शन में हुई थी।
- मंदिर परिसर में एक पवित्र सरोवर भी स्थित है, जिसे 'सर्व तीर्थम सरोवर' कहा जाता है।
- इस सरोवर में भारत की सभी प्रमुख नदियों का जल एकत्र किया गया है।
श्रीचक्र – आध्यात्मिक पथ
मंदिर के निर्माण में वैदिक सिद्धांतों का गहन ध्यान रखा गया है।
- मंदिर परिसर में एक तारानुमा संरचना बनाई गई है, जिसे श्रीचक्र कहा जाता है।
- इस पथ की लंबाई 1.8 किमी से अधिक है।
- यह पथिकों को आध्यात्मिक ज्ञान और मानव जीवन के उद्देश्य से परिचित कराता है।
- मार्ग में विभिन्न स्थानों पर महत्वपूर्ण धार्मिक और दार्शनिक संदेश लिखे गए हैं, जो भक्ति और जीवन के मूल्यों का ज्ञान प्रदान करते हैं।
महत्वपूर्ण निर्देश
- मंदिर में प्रवेश के लिए पूर्ण पारंपरिक पोशाक अनिवार्य है।
- श्रद्धालुओं को मंदिर परिसर में मर्यादित आचरण बनाए रखना आवश्यक है।
श्रीपुरम महालक्ष्मी स्वर्ण मंदिर, अपनी अद्वितीय वास्तुकला, आध्यात्मिक ऊर्जा और भव्यता के कारण, न केवल भारत बल्कि पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। यह स्थान न केवल भक्तों को देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने का अवसर देता है, बल्कि उन्हें आध्यात्मिकता, शांति और भक्ति का दिव्य अनुभव भी कराता है।