आज विश्व रेडियो दिवस मनाया गया, जिसका विषय था "रेडियो और जलवायु परिवर्तन"
आज विश्व रेडियो दिवस मनाया जा रहा है, जो हर साल 13 फरवरी को आयोजित किया जाता है। यह दिन रेडियो के महत्व के प्रति जागरूकता बढ़ाने और इसके माध्यम से सूचना की पहुंच को प्रोत्साहित करने का अवसर है। रेडियो की अनोखी शक्ति को याद करने का भी यह दिन है, जो लोगों के जीवन को छूता है और दुनिया के विभिन्न हिस्सों से लोगों को एक साथ लाता है। इस साल का विषय है - "रेडियो और जलवायु परिवर्तन"।
विश्व रेडियो दिवस पर अपने संदेश में, यूनेस्को की महानिदेशक ऑड्रे अज़ोले ने कहा कि यह अवसर रेडियो के स्थायी, बहुपरकारी और व्यापक रूप से सुलभ माध्यम का उत्सव है। उन्होंने कहा कि इस साल हम रेडियो के विभिन्न रूपों को श्रद्धांजलि दे रहे हैं, जो जलवायु परिवर्तन और उसके प्रभावों से निपटने के लिए एक शक्तिशाली उपकरण के रूप में कार्य करता है।
प्रसार भारती के अध्यक्ष नवनीत कुमार सहगल ने अपने संदेश में कहा कि रेडियो, समाचार और सूचना के प्रसार के माध्यम से देश के सांस्कृतिक और आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उन्होंने कहा कि आकाशवाणी, जिसका आदर्श वाक्य "बहुजन हिताय बहुजन सुखाय" है, दुनिया का सबसे बड़ा रेडियो नेटवर्क है जो देशवासियों तक अपनी बात पहुंचा रहा है।
प्रसार भारती के मुख्य कार्यकारी अधिकारी गौरव द्विवेदी ने कहा कि आकाशवाणी ने न केवल भारत की समृद्ध संस्कृति और परंपराओं को प्रसारित किया है, बल्कि इसने लोगों को देश में वैज्ञानिक प्रगति से भी जोड़ा है। उन्होंने यह भी कहा कि आकाशवाणी का दायरा इतना व्यापक है कि दैनिक जीवन का शायद ही कोई ऐसा पहलू हो जो इससे अछूता हो।
आकाशवाणी की महानिदेशक डॉ. प्रज्ञा पालीवाल गौड़ ने भी अपनी शुभकामनाएं दीं और कहा कि लगभग नौ दशकों से आकाशवाणी सूचना, शिक्षा और मनोरंजन के साथ श्रोताओं तक पहुंच रही है।
इसके अलावा, उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले के गजरौला निवासी राम सिंह बौद्ध, जिन्हें 'रेडियो मैन' के नाम से जाना जाता है, भी विश्व रेडियो दिवस के मौके पर चर्चा में हैं। उनका 'मन की बात' रेडियो म्यूजियम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज है, और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपने 'मन की बात' कार्यक्रम में उनका जिक्र किया है।