अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा 1 अगस्त से यूरोपीय संघ (EU) और मेक्सिको के आयात पर 30% शुल्क लगाने की धमकी के बाद अंतरराष्ट्रीय व्यापार में तनाव और बढ़ गया है। यूरोपीय संघ की प्रमुख उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने इस कदम पर गहरी निराशा जताते हुए कहा कि यदि ज़रूरत पड़ी, तो ईयू उचित जवाबी कार्रवाई करेगा।
उधर, मेक्सिको ने ट्रंप की चेतावनी को "अनुचित और एकतरफा" बताते हुए उसकी कड़ी आलोचना की। मेक्सिको ने ज़ोर देकर कहा कि वह अपनी संप्रभुता से कोई समझौता नहीं करेगा। दोनों ही पक्षों ने कहा कि वे संवाद के रास्ते को खुला रखना चाहते हैं, लेकिन किसी भी आर्थिक दबाव को स्वीकार नहीं करेंगे।
ट्रंप की चेतावनी: "अगर जवाबी कार्रवाई हुई तो टैरिफ और बढ़ेंगे"
राष्ट्रपति ट्रंप ने स्पष्ट किया है कि यदि कोई देश अमेरिकी टैरिफ के जवाब में प्रतिशोधात्मक कर लगाता है, तो अमेरिका भी अधिक कठोर शुल्क लगाएगा। इस हफ्ते उन्होंने यह भी ऐलान किया कि अमेरिका जापान, दक्षिण कोरिया, कनाडा और ब्राज़ील से आने वाले कई उत्पादों पर अगस्त से नए टैरिफ लगाएगा।
वैश्विक व्यापार पर असर
विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप की यह आक्रामक "अमेरिका फर्स्ट" व्यापार नीति वैश्विक व्यापारिक स्थिरता को प्रभावित कर सकती है। पहले भी उनकी टैरिफ नीतियों ने चीन और यूरोपीय देशों के साथ व्यापार युद्ध को जन्म दिया था, और अब एक नई लहर शुरू होती दिख रही है।
आगे क्या?
यूरोपीय संघ और मेक्सिको ने अब तक संयम बरतते हुए बातचीत का रास्ता अपनाने की बात की है, लेकिन संभावित व्यापार युद्ध की आशंका से बाजारों और निवेशकों के बीच चिंता बढ़ती जा रही है। यदि अमेरिका टैरिफ लागू करता है और जवाब में अन्य देश भी प्रतिरोध करते हैं, तो यह वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं और उपभोक्ता कीमतों पर गंभीर असर डाल सकता है।