ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन को तेहरान में हुए एक कथित इज़रायली हवाई हमले में पैर में मामूली चोटें आई हैं। यह हमला 15 जून को उस समय हुआ जब वे सुप्रीम नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल (SNSC) की एक अहम बैठक में शामिल थे। एक वरिष्ठ ईरानी अधिकारी ने इस बात की पुष्टि करते हुए दावा किया कि यह हमला ईरानी शासन को अस्थिर करने के इरादे से किया गया था।
अधिकारी के मुताबिक, हमले का उद्देश्य ईरान की कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका के प्रमुखों को एक साथ निशाना बनाना था, जिससे सरकार को "अंदर से उखाड़ फेंकने" का प्रयास किया जा सके।
यह हमला 13 जून को इज़राइल द्वारा ईरान के खिलाफ शुरू किए गए अभूतपूर्व बमबारी अभियान के एक महीने से भी कम समय बाद हुआ है। उस अभियान में कई शीर्ष सैन्य कमांडर और परमाणु वैज्ञानिकों की मौत हुई थी, जिससे ईरान के भीतर सुरक्षा को लेकर भारी चिंता पैदा हो गई है।
संभावित रणनीतिक संकेत
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यह हमला ईरान और इज़राइल के बीच चल रहे छाया युद्ध (shadow war) को एक नई, अधिक खुली और खतरनाक दिशा में ले जाता है।
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ईरान के सर्वोच्च नेतृत्व पर सीधा हमला, तेहरान की राजनीतिक स्थिरता और प्रतिरोध क्षमता को चुनौती देने का प्रयास हो सकता है।
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यदि यह हमला वास्तव में इज़राइल द्वारा किया गया था, तो यह अब तक के सबसे दुस्साहसी सैन्य कदमों में से एक माना जाएगा।
राजनीतिक प्रतिक्रिया
अब तक ईरान ने आधिकारिक रूप से इज़राइल पर सीधा आरोप नहीं लगाया है, लेकिन बयानों की भाषा और संदर्भ से यह स्पष्ट है कि तेहरान इज़राइल को जिम्मेदार मान रहा है। इस घटनाक्रम के बाद क्षेत्रीय तनाव और बढ़ने की आशंका है, विशेषकर यदि ईरान इसके जवाब में कड़े कदम उठाने का निर्णय लेता है।
यह घटना ऐसे समय पर हुई है जब पेजेशकियन, जो हाल ही में राष्ट्रपति बने हैं, देश की आंतरिक और बाहरी चुनौतियों से जूझ रहे हैं, और यह हमला उनकी सरकार के लिए एक बड़ी सुरक्षा और राजनीतिक चुनौती के रूप में उभरा है।