नई दिल्ली में आज से सरस आजीविका मेले का 27वां संस्करण आरंभ हो रहा है, जिसमें देश भर से आईं 400 से अधिक ग्रामीण महिलाएं अपने उत्पादों का प्रदर्शन और बिक्री करेंगी। यह मेला स्वयं सहायता समूहों (SHGs) से जुड़ी महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण विपणन और उद्यमिता मंच प्रदान करता है।
इस वर्ष मेले का मुख्य विषय है —
"लखपति दीदी बनाना: ग्रामीण महिलाओं को सफल उद्यमी और 'वोकल फॉर लोकल' की चैंपियन बनाना"।
यह पहली बार है जब पूरा मेला 'लखपति दीदियों' के नेतृत्व में आयोजित किया जा रहा है। ये महिलाएं अपने हस्तशिल्प, हथकरघा, खाद्य और घरेलू उत्पादों के माध्यम से ग्रामीण भारत की नवाचार, आत्मनिर्भरता और रचनात्मकता को उजागर करेंगी।
22 सितंबर तक चलने वाले इस मेले में भारत के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से भाग लेने वाली महिलाएं पारंपरिक उत्पादों के साथ स्थानीय विविधताओं और शिल्प कलाओं का प्रदर्शन करेंगी।
ग्रामीण विकास मंत्रालय की संयुक्त सचिव स्वाति शर्मा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि सरस मेला न केवल उत्पादों की बिक्री का अवसर है, बल्कि यह जड़ों से जुड़ने का माध्यम भी है। उन्होंने बताया कि दीनदयाल अंत्योदय योजना – राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (DAY-NRLM) के अंतर्गत अब तक 10 करोड़ से अधिक महिलाएं, लगभग 90 लाख स्वयं सहायता समूहों से जुड़ चुकी हैं।
सरस मेला ग्रामीण महिलाओं के लिए आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक सशक्त कदम है, जो उन्हें स्थायी आजीविका, आर्थिक स्वतंत्रता और सामाजिक मान्यता प्रदान करता है।