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तमिलनाडु के थूथुकुडी में सर्बानंद सोनोवाल ने शुरू कीं कई परियोजनाएं, वीओसी बंदरगाह बना देश का पहला हरित हाइड्रोजन उत्पादन पोर्ट

Date : 05-Sep-2025

तूतुकोडी (तमिलनाडु), 5 सितंबर। केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने आज यहां वी.ओ. चिदंबरनार बंदरगाह पर देश की पहली ग्रीन हाइड्रोजन पायलट परियोजना शुरू की, जिससे यह बंदरगाह ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन करने वाला पहला बंदरगाह बन गया।


इस मौके पर साेनोवाल ने 35.34 करोड़ रुपये की हरित मेथनॉल बंकरिंग सुविधा, 59.20 करोड़ रुपये का 6 मेगावाट पवन फार्म, 90 करोड़ रुपये का मल्टी-कार्गो बर्थ, 34.77 करोड़ रुपये की 4-लेन सड़क और 3 करोड़ रुपये का तमिलनाडु समुद्री विरासत संग्रहालय की नींव भी रखी। साथ ही, 1.46 करोड़ रुपये का 400 किलोवाट रूफटॉप सौर संयंत्र और 24.50 करोड़ रुपये का कोल जेटी-कन्वेयर सिस्टम भी शुरू किया। उन्होंने रेल कनेक्टिविटी के लिए आईपीआरसीएल और हरित मोबिलिटी के लिए एनटीपीसी के साथ समझौतों पर हस्ताक्षर भी किए।

इसके तहत 3.87 करोड़ रुपये की हरित हाइड्रोजन परियोजना बंदरगाह की स्ट्रीट लाइटों और इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए हाइड्रोजन बनाएगी, जो प्रधानमंत्री मोदी के नेट-जीरो मिशन को बढ़ावा देगी।

हरित मेथनॉल परियोजना कांडला तूतीकोरिन हरित शिपिंग कॉरिडोर में सहयोगी साबित होगी। इस सौर संयंत्र से बंदरगाह की सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता 1.04 मेगावाट हो गई, जो देश के बंदरगाहों में सबसे ज्यादा है। ये परियोजनाएं तमिलनाडु में हजारों नौकरियां पैदा करेंगी, व्यापार बढ़ाएंगी और 2030 तक 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था में योगदान देंगी।

सोनोवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत का समुद्री क्षेत्र अभूतपूर्व प्रगति कर रहा है। साल 2047 तक विकसित भारत की उनकी अपील /आह्वान गति, पैमाने, स्थिरता और आत्मनिर्भरता का मिश्रण है। तमिलनाडु में शुरू की जा रही परियोजनाएं हजारों रोजगार सृजित करेंगी, व्यापार को बढ़ावा देंगी और वैश्विक निवेश आकर्षित करेंगी। इससे तमिलनाडु 2027 तक भारत की 5 ट्रिलियन डॉलर और 2030 तक 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था में योगदान देगा। वीओसी बंदरगाह नवीकरणीय ऊर्जा और हरित बंकरिंग के साथ भारत का हरित हाइड्रोजन और अमोनिया केंद्र बनेगा।

जानेमाने स्वतंत्रता सेनानी और देश को स्वदेशी स्टीम नेविगेशन कंपनी देने वाले वी.ओ. चिदंबरनार की 154वीं जयंती समारोह में सोनोवाल ने उनकी प्रतिमा पर फूल चढ़ाकर श्रद्धांजलि दी और पेड़ लगाने का अभियान भी शुरू किया।

बंदरगाह के अध्यक्ष सुशांत कुमार पुरोहित ने परियोजनाओं की जानकारी दी। कार्यक्रम में टी.के. रामचंद्रन, गीता जीवन, अनीता राधाकृष्णन और कनिमोझी करुणानिधि समेत करीब 1,500 लोग शामिल हुए।

 
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