वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह ने कहा है कि ऑपरेशन सिंदूर ने भारत की तीव्र, निर्णायक और सटीक हमला करने की क्षमता का सफल प्रदर्शन किया है। यह बात उन्होंने चेन्नई स्थित ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी (ओटीए) में हाल ही में आयोजित पासिंग आउट परेड को संबोधित करते हुए कही।
परेड में कुल 155 अधिकारियों को भारतीय सेना में शामिल किया गया, जिनमें 130 पुरुष और 25 महिला अधिकारी कैडेट शामिल थे। इसके अलावा, ओटीए में नौ मित्र देशों के 21 विदेशी कैडेटों (नौ पुरुष और 12 महिलाएं) ने भी प्रशिक्षण पूरा किया।
एयर चीफ मार्शल सिंह ने आधुनिक युद्ध की बदलती प्रकृति और एकीकृत प्रतिक्रिया की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर से मिले अनुभवों ने थलसेना, नौसेना, वायुसेना और अन्य राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियों के बीच सफल तालमेल को सिद्ध किया है।
उन्होंने नव-नियुक्त अधिकारियों से राष्ट्र सेवा में एकजुटता बनाए रखने और यह समझने का आग्रह किया कि असली ताकत व्यक्तिगत क्षमता में नहीं बल्कि टीम वर्क और संयुक्त परिचालन में निहित है। एयर चीफ मार्शल ने कहा, "कोई सेवा अकेले नहीं चलती, चाहे वह आकाश में हो, ज़मीन पर या समुद्र में।"
समीक्षा अधिकारी ने कैडेटों के अनुशासन और अभ्यास के उच्च स्तर की प्रशंसा करते हुए ओटीए के संकाय और कर्मचारियों के कठोर प्रशिक्षण को सराहा, जिसने कैडेटों को अपने सैन्य करियर में उत्कृष्टता हासिल करने के लिए आवश्यक कौशल, ज्ञान और लचीलापन प्रदान किया है।
समारोह में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले कैडेटों को भी सम्मानित किया गया। राज बिस्वास को स्वॉर्ड ऑफ ऑनर और रजत पदक, पारुल धड़वाल को ओटीए स्वर्ण पदक, और प्रांजल दीक्षित को कांस्य पदक प्रदान किया गया।