दुनिया भर के आकाशदर्शकों ने कल रात एक शानदार और दुर्लभ प्राकृतिक घटना का साक्षी बनाया — पूर्ण चंद्रग्रहण, जिसे 'ब्लड मून' या रक्तिम चंद्रमा के नाम से भी जाना जाता है। रात 9:57 बजे पृथ्वी की छाया ने चंद्रमा के डिस्क को ढकना शुरू किया, और 11:01 बजे तक पूरी तरह से चंद्रमा को अपनी गोद में ले लिया। इस दौरान चंद्रमा का रंग तांबे जैसा गहरा लाल हो गया, जिससे एक अद्भुत और मोहक दृश्य सामने आया।
यह पूर्ण चंद्रग्रहण रात लगभग 11:48 बजे अपने चरम पर पहुंचा और लगभग 12:22 बजे समाप्त हुआ। पूरे भारत में खगोल प्रेमियों ने इसे करीब 48 मिनट से अधिक समय तक नंगी आंखों से बिना किसी उपकरण के देखा। चंद्रग्रहण तब होता है जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है, जिससे सूर्य का प्रकाश सीधे चंद्र सतह तक नहीं पहुँच पाता।
हालांकि चंद्रमा पूरी तरह से अंधेरा नहीं होता, इसका लाल रंग पृथ्वी के वायुमंडल के कारण होता है, जो नीले प्रकाश को बिखेर देता है और लंबे लाल तरंगदैर्ध्य के प्रकाश को चंद्रमा की ओर मोड़ता है। इसी कारण सूर्यास्त के समय हमें आकाश में चमकीले लाल और नारंगी रंग दिखाई देते हैं, और इसी प्राकृतिक प्रक्रिया की वजह से चंद्रमा का यह खूबसूरत लाल रूप हमें देखने को मिलता है।