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भाजपा का सुदर्शन रेड्डी पर निशाना, कहा -देश की आत्मा की बात कर पाखंड न करें रेड्डी

Date : 08-Sep-2025

 नई दिल्ली, 8 सितंबर। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने उपराष्ट्रपति पद के चुनाव में विपक्ष के इंडी गठबंधन के उम्मीदवार बी सुदर्शन रेड्डी की चारा घोटाले के सजायाफ्ता राष्ट्रीय जनता दल के नेता लालू प्रसाद यादव से मुलाकात और देश की आत्मा बचाने की दुहाई दिये जाने को उनका पाखंड करार दिया है।

भाजपा के सांसद एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री डॉ रविशंकर प्रसाद ने सोमवार को पार्टी के केन्द्रीय कार्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश सुदर्शन रेड्डी विपक्ष के गठबंधन के उपराष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार हैं। न्यायमूर्ति रेड्डी ने बयान दिया है कि 'देश की आत्मा को बचाने के लिए मुझे वोट दें'। उन्होंने चारा घोटाले में दोषी राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव से मुलाकात की है। उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश किसी ऐसे व्यक्ति से मिल रहे हैं जो घोटाले में दोषी है, यह पाखंड है। इसलिए उन्हें देश की आत्मा की बात कर पाखंड नहीं करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद न सिर्फ घोटाले के दोषी हैं, बल्कि रेलवे की संपत्ति को गलत तरीके से बेचने के मामले में भी आरोपी हैं। उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश सुदर्शन रेड्डी, जो इंडी गठबंधन के उप राष्ट्रपति के उम्मीदवार हैं। हम सभी न्यायाधीशों की इज्जत करते हैं, चाहे वो वर्तमान न्यायाधीश हों या सेवानिवृत्त हों लेकिन जब कोई न्यायाधीश चुनावी अखाड़े में आता है और बड़ी-बड़ी बातें करता है, तो सवाल तो उठेगा ही।

डॉ रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस अध्यक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि एक गरीब किसान जिसकी मटर की खेती बाढ़ और बरसात में बर्बाद हो गई, वो अपनी पीड़ा बताने गया था। लेकिन कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा— “यहां क्यों आए हो, दिखावा क्यों कर रहे हो? तुम्हारी 4 एकड़ जमीन बर्बाद हुई है, मेरी तो 40 एकड़ फसल बर्बाद हो गई है।” उन्होंने कहा, "खड़गे साहब, ये कैसा अहंकार है? किसान आपसे अपनी पीड़ा बताने आया था, कर्नाटक में आपकी सरकार है और आप कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं।"

उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में भाजपा सरकार ने 13 सितंबर 2022 को सरकारी कर्मचारियों की तनख्वाह बढ़ाई थी। लेकिन वर्तमान कांग्रेस सरकार ने एक आदेश जारी कर उस बढ़ी हुई तनख्वाह को वापस ले लिया है और कारण बताया है कि वे हिमाचल की वित्तीय स्थिति को संभाल नहीं पा रहे हैं। तो क्या कांग्रेस खटाखट का वादा कर सिर्फ जनता को धोखा देने आई थी?

 
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