महाराष्ट्र राज्य में स्थित एक धार्मिक हिंदू शहर है- नासिक | महाराष्ट्र में, गोदावरी नदी के किनारे बसा नासिक हर 12 साल में होने वाले कुंभ मेले की मेजबानी करता है। प्रतिवर्ष भारी संख्या में पर्यटक यहाँ की मनोरम दृश्य और खूबसूरती को निहारने आते हैं | शिरडी और त्र्यंबकेश्वर आने वाले तीर्थ यात्री भी नासिक जरुर आते है। इसलिए इसमें हम आपको नासिक के कुछ पर्यटन स्थल के बारे में बतायेंगे, जो आपको नासिक जाने के लिए आकर्षित करेंगे|
मुक्तिधाम मंदिर- यह प्रसिद्ध मंदिर नासिक शहर से लगभग 8 कि.मी. दूर में स्थित है | श्रीजयराम भाई बाईटको द्वारा निर्मित यह मंदिर खूबसूरती से, शुद्ध सफेद रूप में बनाया गया है| मुक्तिधाम मंदिर में सभी बारह ज्योतिर्लिंग है, जिसकी वजह से यह मंदिर बहुत पवित्र माना जाता है। इस मंदिर सबसे खास बात यह है कि इसकी दीवारें पूरी भगवद् गीता के श्लोकों से अंकित हैं, जों दिखने में काफी सुंदर और पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करता हैं।
अंजनेरी पर्वत- इस पर्वत इतिहास हिन्दू महाकाव्य रामायण से जुड़ा हुआ है, जो नासिक से 30 कि. मी. की दूरी पर ऊँची-ऊँची पहाड़ियों के बीच स्थित है | अंजनेरी पर्वत का नाम भगवान हनुमान की माता अंजनी के नाम पर पड़ा है। दोस्तों अगर आप नासिक घूमने के लिए आते है तो आप इस पर्वत की सैर करना न भूले। यहाँ पर उंचाई पर पहुंचने के लिए आप ट्रेकिंग कर सकते हैं और आप यहाँ उंचाई से कई शानदार दृश्यों का आनंद ले सकते हैं।
सीता गुफा पंचवटी- पंचवटी क्षेत्र लगभग 5 कि.मी के क्षेत्र में फैला हुआ है। ऐसा माना जाता है कि भगवान राम के 14 वर्षों के दौरान लक्ष्मण और मां सीता नासिक के पंचवटी (सीता गुफा नाशिक) क्षेत्र में रहे है। यह छोटी सी गुफा और धार्मिक तीर्थ स्थल हिन्दू रामायण महाकाव्य और देवी सीता से जुड़ा हुआ है, जिसे देखने दूर दूर सें पर्यटक यहाँ आते है।
सिक्का संग्रहालय- नासिक के निकट अंजनेरी में सिक्का संग्रहालय एक आकर्षक पर्यटन स्थल है | इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च इन न्यूमिज़माटिक स्टडीज के तहत वर्ष 1980 में स्थापित, सिक्का संग्रहालय एशिया में अपनी तरह का एकमात्र संग्रहालय है। इसमें तांबे, पेंटिग्स, टेराकोटा और कई ऐतिहासिक कलाकृतियों के साथ भारतीय मुद्राओं के प्रलेखित इतिहास का एक अच्छा संग्रह है।
सप्तश्रृंगी नासिक- धार्मिक मान्यतानुसार महाराष्ट्र में देवी के साढ़े तीन शक्तिपीठ वाली सप्तश्रृंगी देवी नासिक से करीब 65 कि.मी. की दूरी पर 4800 फीट ऊँचे सप्तश्रृंगी पर्वत पर विराजमान है | सप्तश्रृंगी माता को भागवत कथा में 108 शक्तिपीठों में होने का उल्लेख किया गया है |
तोपखाना केंद्र- नासिक में स्थित पांडवलेनी गुफाओं के पीछे एशिया का सबसे बड़ा तोपखाना केंद्र है। इस जगह पर सैनिकों को कठोर सैन्य प्रशिक्षण दिया जाता है और यह सैनिको को ‘गोफ़र गन्स’ का उपयोग करने के लिए प्रशिक्षित करता है, जिसे देखने भारी संख्या में लोग यहाँ आते है |
नासिक घूमने के लिए का सही समय-
अगर आप नासिक की सैर करना चाहते है और धार्मिक, ऐतिहासिक शहर नासिक घूमने के लिए जाना चाहते है, तो हम आपको बता दे की नासिक की यात्रा करने के लिए सबसे अच्छा समय अक्टूबर से लेकर फरवरी तक का समय सबसे अच्छा होता है।
कैसे पहुंचे?
रेल द्वारा-
अगर आप नासिक घूमने का प्लान बना रहे है, तो नासिक रेलवे स्टेशन रेल मार्ग से देश के कई प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है। रेल से नासिक की यात्रा करना आपको और आपके परिवार के लिए एक सुखद और आरामदायक अनुभव हो सकता हैं।
सडक द्वारा-
दोस्तों आपकी जानकारी के लिए हम आपको बता दे की नासिक आने के लिए आप अपनी गाडी या फिर कोई गाडी बुक करके आसानी से सडक द्वारा यात्रा करके नासिक आसानी से पहुंच सकते हैं।
हवाई मार्ग द्वारा-
अगर आप हवाई जहाज से सफर करना चाहते है, तो हम आपको बता दे की नासिक का निकटतम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा छत्रपति शिवाजी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है, जो की मुंबई में है। यह नासिक से लगभग साढ़े तीन घंटे की दूरी पर स्थित है।
घूमने का खर्चा-
नासिक घूमने के खर्च की बात की जाएं तो यह आपके ऊपर निर्धारित करता है की आप किस से जाना पसंद करोगे और वहाँ जाकर आप कहाँ – कहाँ घूमना पसंद करोगे। आप किस होटल, गेस्ट हाउस में रुकना पसंद करोगे साथ ही आप नासिक में कितने दिन रुकोगे, यह सब आपके बजट पर निर्भर करता हैं।