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पचास फीट ऊंचे मिट्टी के टीले पर बना है अद्बुत मंदिर

Date : 20-Apr-2024

मंदिर में विराजमान मां गौरा देवी पूरे शहर की देती है पहरेदारी

 हमीरपुर। सैकड़ों साल पुराने मां गौरा देवी  मंदिर पचास फीट ऊंचाई में टीले पर बना है, जहां गौरा माता पूरे जिले की सुरक्षा करती है। मां की अद्भुत प्रतिमा भी जमीन की खुदाई के दौरान मिली थी, जिसे एक चबूतरा बनाकर प्राण प्रतिष्ठा कराई गई थी। ऐसी मान्यता है कि सच्चे मन से मां के दरबार में माथा टेकने से मन की मुरादें पूरी होती हैं ।



हमीरपुर शहर यमुना और बेतवा नदियों के बीच एक टापू पर बसा है। यहां मराठाकालीन तमाम देवी देवताओं के मंदिर है। शहर के पूरब दिशा में यमुना नदी के पास एक हजार साल पुराने चौरादेवी मंदिर के प्रति जहां लोगों की अटूट आस्था है।

बुजुर्ग रामचन्द्र गुप्ता ने बताया कि सैकड़ों साल पहले हमीरपुर के सधारी लाल सेठ ने अपना घर बनवाने के लिए जब एक पुराने टीले को खुदवा रहे थे, तभी एक अद्भुत देवी मां की प्रतिमा निकली। जिसे देख खुदाई करने वाले मजदूर घबरा गए। रात में जब सेठ सो रहे थे तो उन्हें सपने में बड़ी चेतावनी मिली कि यदि उनके लिए चबूतरा नहीं बनवाया गया तो अच्छा नहीं होगा।

अनिष्ट की आशंका से घबराए सधारी लाल सेठ ने उसी स्थान पर सफाई कराकर एक चबूतरा बनवाकर मां की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा कराई। स्थानीय लोगों का कहना है कि मौसमी बीमारी पर लोग गौरा देवी के दरबार में आकर पूजा करते है और जल लेकर मरीज को पिलाते ही वह साधारण बीमारी से मुक्त हो जाता है। जनपद में मां गौरादेवी के नाम से कई उच्च शिक्षण संस्थाएं चल रही है।



पचास फीट ऊंचे टीले में खुदाई में मिली थी प्रतिमा

पचास फीट की ऊंचाई में टीले पर खुदाई के दौरान जमीन से निकली देवी मां की प्रतिमा को पहले एक चबूतरे पर स्थापित कराया गया था। जहां शहर के लोग देवी मां को पूजने लगे। देवी मां की प्रतिमा को देख इसे गौरा देवी नाम दिया तभी से ये स्थान गौरादेवी मंदिर पड़ गया। पूर्व शिक्षक लखनलाल जोशी ने बताया कि जहां गौरा देवी का मंदिर टीले में स्थित है। यहां मां के दरबार में हाजिरी लगाने से मन को शांति मिलती है।



पश्चिम दिशा में मिट्टी के टीले में एक मठ में विराजमान है मां गौरादेवी

सतीश तिवारी, सूर्य कुमार तिवारी व पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष कैलाश गुप्ता समेत तमाम बुजुर्गों ने बताया कि पश्चिछोर में पचास फीट ऊंचे टीले पर गौरादेवी एक मठ में विराजमान है। जो पश्चिम दिशा से पूरे शहर की सुरक्षा और कुशलक्षम रखती है। शहर का एक मुहल्ला गौरादेवी के नाम से जाना जाता है। मंदिर के आसपास हजारों रिहायशी मकान बन गए है। इन दिनों गौरादेवी मंदिर में नवरात्रि की बड़ी धूम मची हुई है।

 
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