मनाली प्राकृतिक सुंदरता से भरा हुए एक शहर है जो कि हिमाचल प्रदेश में स्थित है। ये जगह पर्यटकों के बीच काफी लोकप्रिय है। देश के टॉप 10 पर्यटन स्थलों की बात करें तो इसमें मनाली का नाम भी लिया जाता है। हर साल हजारों की तादाद में लोग मनाली विजिट के लिए पहुंचते हैं।
आप भी अगर मनाली घूमने का प्लान बनाएं तो यहां मौजूद कुछ खास जगहों को एक्सप्लोर करना न भूलें। ये जगहें आपकी फैमिली ट्रिप को हमेशा के लिए यादगार बना सकती हैं।
ट्रैकिंग, पैराग्लाइडिंग, स्कीइंग जैसी एक्टिविटीज के शौकीन लोगों के लिए मनाली एक बेहद मुफीद जगह है। आप यहां आकर ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत का भी दीदार कर सकते हैं। आइए जानते हैं मनाली में घूमने वाली 5 लोकप्रिय जगहें।
मनाली के लोकप्रिय 5 स्थान
हडिम्बा देवी मंदिर: हडिम्बा देवी मंदिर हिमाचल प्रदेश के मनाली शहर में स्थित एक प्राचीन लकड़ी का मंदिर है। यह देवी हडिम्बा को समर्पित है, जो महाभारत के अनुसार भीम की पत्नी थीं। यह लकड़ी की वास्तुकला का एक उत्कृष्ट नमूना है। मंदिर का उल्लेख महाभारत में भी मिलता है। मंदिर लकड़ी से बना है और इसकी वास्तुकला बहुत ही अनोखी है।
मंदिर का मुख्य द्वार एक विशाल लकड़ी के तोरण से सजा हुआ है। मंदिर के गर्भगृह में देवी हडिम्बा की लकड़ी की मूर्ति स्थापित है। मंदिर के चारों ओर कई छोटे-छोटे मंदिर और मंडप भी हैं।
रोहतांग दर्रा: यह दर्रा कुल्लू घाटी और लाहौल और स्पीति घाटियों के बीच काफी ऊंचाई पर स्थित एक उच्च पर्वत दर्रा है। यह हिमालय की पीर पंजाल श्रेणी के पूर्वी भाग में मनाली से 51 किलोमीटर (32 मील) दूर है।
रोहतांग दर्रा अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है। यहाँ से हिमालय की चोटियों का मनोरम दृश्य दिखाई देता है। यह दर्रा ट्रेकिंग और पर्वतारोहण के लिए भी लोकप्रिय है।
सोलंग घाटी: मनाली से लगभग 14 किलोमीटर दूर सोलंग खाटी स्थित है और ये घाटी अपनी खूबसूरती के लिए पहचानी जाती है। यहां आकर पर्यटक पैराग्लाइडिंग, स्कीइंग, ज़ोरबिंग जैसी एक्टिविटी का लुत्फ उठा सकते हैं। सोलंग घाटी जाने का सबसे अच्छा समय मई से नवंबर के बीच है जब मौसम सुखद होता है। सोलंग घाटी को "स्नो वैली" के नाम से भी जाना जाता है।
मणिकरण साहिब: मनाली से लगभग 50 किलोमीटर दूर कुल्लू जिले में पार्वती घाटी में मणिकरण साहिब गुरुद्वारा स्थित है। ये सिख समुदाय का एक बेहद प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। माना जाता है कि गुरु नानक देव जी ने 1553 में इस स्थान पर ध्यान किया था और यहाँ से एक गरम पानी का झरना निकाला था।
वशिष्ठ मंदिर: मनाली शहर से 3 किलोमीटर दूर विशिष्ठ गांव में ये प्राचीन मंदिर स्थित है। यह मंदिर ऋषि वशिष्ठ को समर्पित है, जो भगवान राम के गुरु थे। यह मंदिर लकड़ी से बना है और इसकी वास्तुकला देखने लायक है।
मंदिर का मुख्य द्वार एक विशाल लकड़ी के तोरण से सजा हुआ है। मंदिर के गर्भगृह में ऋषि वशिष्ठ की लकड़ी की मूर्ति स्थापित है। कहा जाता है कि ऋषि वशिष्ठ ने इस स्थान पर ध्यान किया था और यहाँ एक मंदिर की स्थापना की थी।