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शब्द विचारी जो चले, गुरुमुख होय निहाल | काम क्रोध व्यापै नहीं, कबूँ न ग्रासै काल ||

Travel & Culture

सांस्कृतिक पर्व - कुल्लू दशहरा

Date : 04-Jun-2024

कुल्लू दशहरा एक मनमोहक और सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण आयोजन है, जिसे अंतर्राष्ट्रीय दशहरा के रूप में भी जाना जाता है, जो स्थानीय निवासियों और अंतर्राष्ट्रीय आगंतुकों दोनों को समान रूप से आकर्षित करता है। देश के सबसे जीवंत दशहरा त्योहारों में से एक के रूप में पहचाने जाने वाले इस भव्य उत्सव को एक सप्ताह तक मनाया जाता है और यह अद्वितीय भव्यता से जगमगाता है। उत्सव का मुख्य आकर्षण तब होता है जब स्थानीय देवताओं को सुंदर ढंग से सजी पालकियों में ले जाया जाता है, साथ ही पारंपरिक संगीत की मधुर धुनें और मनमोहक नृत्य प्रदर्शन होते हैं। इस प्रस्तुति में, रावण, कुंभकरण और मेघनाद के पुतलों को नहीं जलाया जाता है। उत्सव की शुरुआत भगवान रघुनाथ के दिव्य रथ की भव्य शोभायात्रा से होती है, जो ढोल और नगाड़ों की लयबद्ध थापों से गूंजती है।

 
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