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हरे-भरे बांस और सागौन के जंगलों से गिरा हुआ -कान्हा नेशनल पार्क

Date : 13-Jan-2023

 लगभग 940 वर्ग किलोमीटर के दायरे में फैले कान्हा किसली का नेशनल पार्क मध्य प्रदेश राज्य के मंडला जिले के अंतर्गत स्थित सतपुड़ा के घने जंगलों के मध्य बसा कुदरती सुंदरता का एक अद्भुत नमूना है मानो ऐसा प्रतीत होता है कि सारी कायनात बस यही समाई हुई है।

इस हरे-भरे बांस और सागौन के जंगलों से गिरा हुआ तथा उष्णकटिबंधीय जलवायु और समतल मैदानी भूमि में स्थित झील झरने नदियां यहां के वन्य प्राणी , जीव जंतु और सैकड़ों प्रजातियों के पक्षियों का जीवन रेखा है।

कान्हा किसली राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना

कान्हा नेशनल पार्क को 1 जून 1955 को राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा प्राप्त हुआ और इसके 18 साल बाद यानी कि 1973 में कान्हा टाइगर रिजर्व बनाया गया।

कान्हा राष्ट्रीय उद्यान क्यों प्रसिद्ध है?

वैसे तो कान्हा किसली राष्ट्रीय उद्यान में कई प्रजातियों के पक्षियों तथा जंगली जानवरों का घर माना जाता है लेकिन भारत का कान्हा राष्ट्रीय पार्क प्रसिद्ध है बारहसिंघा के लिए यह देश की एकमात्र एसी जगह है जहां बारहसिंघा सबसे ज्यादा पाए जाते हैं।

जब देश से इन की प्रजातियां विलुप्त होने की कगार पर थी तभी केंद्र सरकार ने इनके संरक्षण के लिए कान्हा उद्यान में इनके रखरखाव की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी उठाई इसीलिए आज यह पूरी तरह से यहां पर घूम फिर पा रहे हैं।

कान्हा नेशनल पार्क देखने तथा घूमने की जगह 

पर्यटकों को जंगल का भ्रमण कराने के लिए कान्हा टाइगर रिजर्व में जीप सफारी, हाथी सफारी, और साइकिलिंग जैसे सुविधाएं उपलब्ध है जो कुदरत की खूबसूरती दिखाने के लिए बेजोड़

1. जीप सफारी

कान्हा किसली नेशनल पार्क में देशी और विदेशी वन्यजीवों और बैकफुट का आनंद लेने के लिए सबसे अच्छा तरीका जीप सफारी है।

वन्यजीव विशेषज्ञों द्वारा संचालित यह सफारी का बढ़िया अनुभव देने के लिए( 4*4 )जीप में बैठा कर जंगल का भ्रमण कराया जाता है।

जिसमें हरे भरे जंगल, घाटियां , वादियां, झील, झरने ,नदियां , पक्षियों तथा वन्य प्राणी को बड़े ही करीब से देखने का एक अच्छा अनुभव प्रदान करता है।

2. कान्हा राष्ट्रीय उद्यान का हाथी सफारी

इस उद्यान का सबसे रोमांचक पहलू यहां की हाथी सफारी है इसे 1 घंटे से लेकर 4 घंटे तक आनंद सफारी के रूप में इसका मजा लिया जा सकता है जिसमें बैठकर जंगल का भ्रमण करते हुए जंगली जानवरों को घूमते फिरते और सैर करते हुए देखा जा सकता है।

3. बर्ड वाचिंग

यहां प्रकृति के सुंदर वातावरण में पक्षियों की मनमौजिया किसी को भी मंत्रमुग्ध कर सकते हैं ये पंक्षियां कभी आसमान में उड़ते हैं तो कभी आंख मिचोली करते हैं इस कुदरती सुंदरता को निहारने के लिए यह राष्ट्रीय उद्यान प्रकृति प्रेमी पर्यटकों को सुनहरा अवसर प्रदान करता है

4. संग्रहालय

 कान्हा टाइगर रिजर्व में एक संग्रहालय में मौजूद है जिसमें राष्ट्रीय उद्यान तथा यहां निवास करने वाली विभिन्न जनजातियों के संस्कृति कलाकृतियां तथा उनके रहन-सहन के वातावरण और घटनाओं को मूर्त रूप में दर्शाया गया है।

5. श्रवण ताल

यह वही रामायण कालीन स्थान है जहां राजा दशरथ ने शब्दभेदी बाण चलाया था और माता पिता भक्त श्रवण कुमार के ऊपर जाकर लगा था और यहां पर उनकी मृत्यु हो गई थी।

इस ताल की सबसे खास बात है कि यहां हमेशा स्वच्छ पानी से भरा हुआ होता है जिस के रिसाव के कारण मनहरनाल और देशिनाल क्षेत्र में पर्याप्त मात्रा में पानी बना रहता है और यही जलीय पौधों को बारहसिंघा अपना भोजन बनाते हैं।

6. चुहरी

कान्हा उद्यान से लगभग 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित चुहरी नामक स्थान है जहां बड़ी पानी की झील मौजूद हैं जिसके कारण गर्मियों में आसपास का वातावरण में नमी बनी रहती है इसीलिए जगह बाघों के लिए यह स्थान उपयुक्त माना जाता है।

7. रौंदा

कान्हा किसली के औरैया मार्ग पर स्थित रौंदा बारहसिंघा का निवास स्थान है पर यही पर इन्हें काफी करीब से देखा जा सकता है।

8. सनसेट पॉइंट

कान्हा किसली उद्यान के भीतर एक ऊंचा आकर्षण बामणी दादर है जिसे सनसेट पॉइंट के नाम से भी जाना जाता है जो आने वाले पर्यटकों को ढलते हुए सूरज के रंग बिरंगे केसरिया रंग की किरणों का मनमोहक दृश्य प्रदान करता है। खास करके फोटोग्राफी के शौकीन लोगों के लिए यहां का सनसेट पॉइंट बहुत ही लाजवाब स्थान है।

9. झील झरने तथा बंजार नदी का व्यू प्वाइंट

इन सबके अलावा इस उद्यान के भीतर झील, झरने, नदियां, और सरोवर तथा गोंड आदिवासियों के बसेरा को जंगल के भ्रमण के दौरान साइकिल की सवारी करते हुए देखा जा सकता है।

10. साइकिल सफारी

जब भी आप कान्हा राष्ट्रीय उद्यान में घूमने की जगह देखने के लिए जाएं तो वहां की साइकिल सवारी जरूर लें क्योंकि इसके माध्यम से आप जंगल में अपने ग्रुप के साथ साइकिल ड्राइव करते हुए यहां की खूबसूरत तस्वीरों को अपने कैमरे में कैद कर सकते हैं।

कान्हा किसली के जानवर

कान्हा राष्ट्रीय उद्यान की यात्रा कई विलुप्त हो रहे वन्यजीवों की प्रजातियों को देखने का अवसर प्रदान देता है इस में निवास करने वाले यह कुछ प्रमुख जानवर है जैसे- बाघ, गौर, बारहसिंघा, नीलगाय, बायसन, सुस्त भालू, लकड़बग्घा, सही, लोमड़ी, अजगर, जंगली बिल्ली, खरगोश, गैंडा, भालू, और हाथी के यहां दर्शन होंगे।

इन जंगली जानवरों के अतिरिक्त कान्हा किसली में कई प्रजातियों के पक्षियों को भी देखा जाता है जिनमें से पिंटर , स्टॉक , पोंड हैरान , टील्स पैरेट्स , मोर , कोयल , किंगफिससेर , पपीहा , मधुमखहि , तोता , मैना , गौरैया , उल्लू , पेंगुइन, बुलबुल, बगुला, सरस, बटेर, बाज इत्यादि

 

 

 

 

 

 
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