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सौंदर्य से भरा दृश्य चर्रे मर्रे जलप्रपात

Date : 27-Mar-2023

चर्रे-मर्रे जलप्रपात छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में नारायणपुर अंतागढ़ 17 किमी की दूरी पर स्थित है। आमाबेड़ा के वनमार्ग पर पिंजारिन घाटी में स्थित है। नारायणपुर जहां अपनी अबूझमाड़ियां संस्कृति के लिये विश्व भर में प्रसिद्ध है वहीं नारायणपुर प्राकृतिक दृश्यों से भी संपन्न है।

नारायणपुर में कई झरने है जो आज भी पर्यटकों की नजरों से ओझल है। वहीं अगर चर्रे-मर्रे  जलप्रपात की बात करें तो यह जलप्रपात छत्तीसगढ़ प्राचीन काल से सबसे सुंदर और मनोरम झरनों में से एक रहा है

यह खूबसूरत झरना एक बड़े पैमाने पर भीड़ खींचने वाला है और पर्यटकों को सदियों से आकर्षित करता रहा है। और अगर बस्तर की बात की जाए तो बस्तर में हर जगह झरने ही झरने है।  बस्तर के सातों जिले में कई झरने है। जैसे जगदलपुर में चित्रकोट तीरथगढ़ तो नारायणपुर में हांदावाड़ा, फूलपाड़ जैसे कई बड़े झरने है।

चर्रे-मर्रे जलप्रपात कांकेर जिला छत्तीसगढ़ के दक्षिणी क्षेत्र में स्थित है। यह पहले पुराने बस्तर जिले का एक हिस्सा था। चार्रे-मर्रे जलप्रपात कांकेर जिले के आभूषण या मुकुट के रूप में भी जाना जाता है।

चर्रे-मर्रे जलप्रपात छत्तीसगढ़ राज्य में घूमने के लिए एक ताज़ा और शानदार जगह है। घने जंगल तेज घुमावदार घाटियाँ मनमोहक पहाड़ असंख्य झरने और रेपिड्स यही सब छत्तीसगढ़ के बारे में है। इस जलप्रपात की खासियत ये है कि यहां का कलकल करता झरना पर्यटकों को साल भर आकर्षित करता है।

प्रकृति ने छत्तीसगढ़ को अपने चरम पर पहुंचा दिया है। इस जलमग्न और बुदबुदाते हुए झरने के पैदा होने के पीछे की वजह है, भरपूर और प्राचीन जोगिधारा नदी। पहाड़ियों और बरामदे के पेड़ों से होकर पानी बहता है जो कानों को भाता है।

इस झरने की ऊँचाई लगभग 20 मीटर है। इतनी बड़ी ऊंचाई से गिरने वाला साफ पानी देखने लायक है। यह आगे बढ़ते हुए कोटरी नदी से मिलता है, जिसे इंद्रावती और महानदी की सहायक नदी माना जाता है।  जो यह दुनिया भर से पर्यटकों को आकर्षित करता है। इस  झरने के तल पर बनने वाले जलाशय में डुबकी लगाने के लिए एकदम सही है।

 

इस झरने का मुख्य स्रोत जोगीधारा नदी है  यह झरना जोगीधारा नदी से बनता है। जो मटला घाटी में बहती है जिसे स्थानीय लोगों द्वारा अंतागढ़ नदी या कुत्री नदी भी कहा जाता है। यह झरना से उत्तर पश्चिम दिशा में जलप्रपात का गिरता हुआ पानी अलग-अलग कुंडों के रूप में एकत्रित होकर दक्षिण दिशा में लंबा फासला तय कर कोटरी नदी में मिलता है।

यह झरना ज्यादा उंचा तो नही है परन्तु उबड खाबड चटटानों से नदी का गिरता पानी मनमोह लेता है। आसपास की हरितिमा नयनाभिराम दृश्य प्रस्तुत करती है। यह प्रमुख पिकनिक स्पॉट भी है। इस जगह की सुरम्य सुंदरता का आनंद लेते हुए कुछ शांतिपूर्ण समय बिता सकते हैं। चर्रे-मर्रे जलप्रपात को देखने के लिए सबसे अच्छा समय अक्टूबर से दिसंबर तक है। और यह जगह मनोरंजन और पिकनिक के लिए बहुत आदर्श है।


चर्रे-मर्रे जलप्रपात एक पिकनिक के लिए बहुत सही जगह है। इस झरने के करीब बैठकर आप कुछ शांत समय का आनंद ले सकते हैं। यह आपके शरीर और आत्मा को फिर से जीवंत करने के लिए एक आदर्श स्थान है। झरने के ठंडे पानी की छोटी बूंदें आपकी त्वचा के खिलाफ ब्रश करेंगी जिससे आपको कायाकल्प महसूस होगा। झरने शानदार झरना और आसपास की प्राकृतिक सुंदरता किसी को भी अजीब और खुश करने के लिए पर्याप्त है। इस झरने का ठंडा पानी निश्चित रूप से आपको तरोताजा कर देगा।


कहां और कैसे पहुंचें? 

जगदलपुर से रायपुर राष्ट्रीय राजमार्ग क्र 30 कांकेर से भानुप्रतापपुर और अंतागढ़ के माध्यम से एक सड़क नारायणपुर तक जाती है। इस तरह से अंतागढ़ से 17 किमी की दूरी पर चर्रे-मर्रे जलप्रपात का खूबसूरत झरना स्थित है। कांकेर से सड़क मार्ग से कुल 85 किलोमीटर दुरी पर है और जगदलपुर से कोण्डागॉव 75 एंव कोण्डागॉव से अंतागढ़ लगभग 80 किमी तक  तय कर चर्रे-मर्रे जलप्रपात तक पहोच सकते है आवास और बोर्डिंग नारायणपुर और अंतागढ़ में विश्राम गृह उपलब्ध हैं और नारायणपुर जिला प्रमुख क्वार्टर है, आप आसानी से अपने दौरे के लिए आवश्यक सामग्री प्राप्त कर सकते हैं।

  

 
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